किच्छा (महानाद): डीएम उदयराज सिंह ने किच्छा चीनी मिल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने अधिशासी निदेशक चीनी मिल को निर्देशित करते हुये कहा कि सभी लोग मिल कर पूर्ण मनोयोग से कार्य करते हुये चीनी मिल को और अधिक ऊंचाईयों पर ले जाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुये सरकार द्वारा चीनी मिल को अपग्रेड करने का कार्य कराया गया है जिससे चीनी मिल निरंतर चलती रहे।
डीएम ने चीनी मिल में कार्य कर रहे वर्करों से बात कर उनके स्वास्थ्य व कार्य करने में किसी प्रकार की कठिनाई तो नहीं हो रही है, पूछा। जिसपर वर्करों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि पहले कार्य करने में सांस लेने में परेशानी होती थी अब नई मशीनों की स्थापना हो जाने से डस्ट नहीं उड़ रहह है इसलिए कार्य करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है।
डीएम उदयराज ने निरीक्षण के दौरान बॉयलरों के अपग्रेडेशन को देखा व जानकारी ली। उन्होंने चीनी मिल के ड्रायर हाउस का निरीक्षण में पाया कि उच्च गुणवत्ता की चीनी उत्पादित की जा रही है व मिल के अन्दर साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान चीनी मिल में उत्पादित हो रहे चीनी को अपने हाथों में लेकर गुणवत्ता को देखा व जानकारी ली।
इस दौरान अधिशासी निदेशक चीनी मिल त्रिलोक सिंह मर्ताेलिया ने बताया कि चीनी मिल के लघु आधुनिकीकरण हेतु शासन से 123.03 करोड़ रुपये प्राप्त हुये थे जिससे दो बॉयलरों का अपग्रेडेशन, केन अनलोडर स्टेशन पर हाईड्रॉलिक ग्रेब की स्थापना, 1750 केजी/चार्ज सेन्ट्रीफ्युगल मशीनों की स्थापना, ड्रायर हाउस में डस्ट कैचर की स्थापना की गयी है।
मर्ताेलिया ने बताया कि चीनी मिल में दो अपग्रेडेशन का कार्य कराया गया है। उन्होंने बताया कि बॉयलरों के अपग्रेड होने से स्टीम की पर्याप्त उपलब्धता है, जिससे मिल का संचालन उचित प्रकार से हो रहा है एवं बैगास की भी बचत हो रही है। उन्होंने बताया कि केन अनलोडर स्टेशन पर आधुनिक तकनीक द्वारा निर्मित हाइड्रॉलिक ग्रेब्स की स्थापना की गयी है जिससे उक्त ग्रेब द्वारा गन्ना पुराने अनलोडर की अपेक्षा अधिक मात्रा में उठाया जा रहा है एवं पटले पर केन फिडिंग भी ठीक प्रकार से हो पा रही है। उन्होंने बताया कि मिल के बॉयलिंग हाउस में स्थापित 12 पुरानी तकनीक की सेन्ट्रीफ्युगल मशीनों के स्थान पर तीन नई आधुनिकक तकनीकयुक्त सेन्ट्रीफ्युगल मशीनों की स्थापना की गयी है, जिसमंे से एक या डेढ़ मशीन को ही चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व की अपेक्षा 10 कर्मकार कम कार्य पर जा रहे है तथा चीनी की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि नई मशीनें लगने से बिजली की बचत भी हो रही है।
मर्ताेलिया ने बताया कि चीनी मिल के ड्रायर हाउस में डस्ट कैचर की स्थापना की गयी है जो हवा में उड़ने वाले चीनी के कणों को खींचकर पुनः रिसायकल हेतु मशीनों में भेजता है, जिससे चीनी की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है एवं ड्रायर हाउस में चीनी के बारीक कण न उड़ने से पर्यावरण की दृष्टि से भी उचित सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि 30 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे तक चीनी मिल द्वारा कुल 5,96,200 कुंतल गन्ने की पेराई कर 9.75 प्रतिशन चीनी परता प्राप्त करते हुये कुल 55,490 कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया है।
निरीक्षण के दौरान अधिशासी निदेशक चीनी मिल त्रिलोक सिंह मर्ताेलिया, मुख्य रसायनज्ञ सुधीर कुमार मिश्रा, मुख्य अभियन्ता दिनेश चन्द्र पाण्डे, उप मुख्य रसायनज्ञ एके पाल, प्रभारी गन्ना प्रबन्धक ऋषिपाल सिंह, प्रभारी मुख्य लेखाकार संजय कुमार पाण्डे आदि उपस्थित थे।