पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : पूर्व विधायक ने नगर पालिका की भूमि में सब्जी मंडी बनाने की मांग की है। पूर्व विधायक डा.शैलेंद्र मोहन सिंघल ने सीएम को पत्र भेजकर खाली पड़ी भूमि में सब्जी मंडी बनाने की मांग की है।
पत्र में डा. सिंघल ने कहा कि हाईकोर्ट ने पूर्व में सब्जी मंडी को बाजार चौक से हटाने के पालिका को निर्देश दिए थे। पालिका ने सब्जी मंडी को वहां से हटा दिया था। लेकिन सब्जी, फल विक्रेताओं के लिए कोई उपयुक्त स्थान आवंटित नहीं किया गया। इससे उन्हे फल, सब्जी आदि बेचने में परेशानी होती है। साथ ही नागरिक भी परेशान होते है। डा. सिंघल ने कहा कि भूमि खाली और विवाद रहित है। नगर से सटी एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के पास होने के कारण यह सब्जी मंडी के लिए उपयुक्त है। डॉ सिंघल ने सीएम से इस भूमि को सब्जी मंडी के लिए आरक्षित करने को अफसरों को आदेश देने की मांग की है।
यहां बता दें कि जीजीआईसी के सामने पड़ी करोड़ों रुपए की भूमि के मामले में एडीएम ने जांच के बाद खतौनी में नेशनल हाइवे के नाम दर्ज आदेश को निरस्त कर दिया है। भूमि अब पुन: पालिका के नाम में चढ़ गई है। विदित हो कि काशीपुर रोड पर शमशान घाट के पास जीजीआइसी के सामने जो कि कृषि बंजर भूमि है तथा राज्य सरकार की सम्पत्ति है। इस खसरे के दक्षिण में नेशनल हाइवे है। नेशनल हाइवे का खसरा नंबर 357 है। आरोप है कि कुछ लोगो ने मिली भगत से गलत आख्या तैयार कर खसरा नंबर 302 को नेशनल हाइवे में समाहित होना दर्शा दिया था। जबकि उक्त खसरा हाइवे में समाहित नहीं हुआ,और न ही हाइवे की आकृति चकबंदी नक्शे में इसे दर्शाया गया है।
जांच रिपोर्ट के बाद एसएलओ ने भूमि की श्रेणी बदलकर नेशनल हाइवे में दर्ज करने के तहसीलदार को निर्देश दिए थे। तहसीलदार ने पालिका की भूमि की जगह इसे नेशनल हाइवे की भूमि कहते हुए खतौनी में चढ़ा दिया था।
मामले में एक माह पहले पूर्व विधायक डा. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने सीएम मुलाकात कर नगर पालिका की 0़ 093 हेक्टेयर भूमि को बचाने की मांग की थी। सीएम ने डीएम को जांच के आदेश दिए है। डीएम के निर्देश पर एडीएम ने मामले की जांच शुरू कर प्रथमदृष्टया एसएलओ द्वारा भूमि को हाइवे में दर्ज करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। भूमि अब पालिका के नाम में आ गई है।
लएसडीएम सुंदर सिंह ने बताया कि एसएलओ के आदेश निरस्त हो गए है। भूमि अब पालिका के नाम से चढ़ गई है।