करोड़ों की लूट के चक्कर में बने फर्जी सीबीआई ऑफिसर, 3 गिरफ्तार एक फरार

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देहरादून (महानाद) : थाना रायपुर पुलिस ने 3 फर्जी सीबीआई ऑफिसरों को 2 लाख की नगदी, 6 महंगे मोबाइल व नकली पिस्टल तथा एक एक्सयूवी वाहन के साथ गिरफ्तार किया है। जबकि उनका एक साथी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। चारों लोग ‘स्पेशल 26’फिल्म की तर्ज पर फर्जी सीबीबाई ऑफिसर बनकर करोड़ों की लूट करने के चक्कर में थे।

आपको बता दें कि अमित कश्यप ने थाना रायपुर में पुलिस को तहरीर देकर बताया कि विगत 28 अगस्त 2023 को तीन व्यक्ति उनके फ्लैट में आये। उस समय उनका एक कर्मचारी मुकुल त्यागी व उसकी एक महिला मित्र वहां मौजूद थे। बाहर से आये तीनों व्यक्तियों ने मास्क पहन रखे थे। जिनमें से 2 व्यक्तियों के पास पिस्टल व 2 वॉकी टॉकी थे। जिन्होंने पिस्टल दिखाकर झूठी वीडियो बनायी तथा कमरे में रखी नगदी, 2 लैपटाप, 6 मोबाइल फोन व अन्य सामान उठा लिया। इसके बाद उन्होंने महिला को छोड दिया तथा उसे व मुकुल त्यागी को उनकी एक्सयूवी 300 कार में बैठाकर प्रूडैन्ट ट्रेडिंग एकेडमी, 17 न्यू सर्वे रोड, रोजगार तिराहा लेकर आये तथा एकेडमी में तलाशी लेकर उसे व मुकुल त्यागी को उनकी कार में बैठाकर देहरादून में घूमाते रहे तथा पैसों की मांग करने लगे, जिस पर उसने अपने परिजनों से फोन से बात कर रुपये मांगे। मौका देखकर मौहब्बेवाला के पास वह गाडी से उतरकर भाग गया इसके बादा तीनों व्यक्ति मुकुल त्यागी को लेकर डांट काली मन्दिर पहुंचे और उसे और कार को वहां छोड़कर भाग गये।

अमित कश्यप की तहरीर के आधार पर कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष रायपुर कुन्दन राम के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी व माल की बरामदगी के लिए जनपद सहारनपुर, करनाल (हरियाणा) व विभिन्न जनपदों व राज्यों में दबिश के लिए रवाना किया तथा एसएसआई नवीन जोशी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने अमित कुमार व मुकुल त्यागी के साथ-साथ उनके जानने वालों से पूछताछ कर सम्भावित संदिग्धों को चिन्हित करने की कार्यवाही की गयी।

एसओजी टीम ने संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित कर सर्विलांस के माध्यम से उनकी जानकारी प्राप्त की व एसओजी की एक टीम हरियाणा रवाना हुई। एसआई राजेश असवाल के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम द्वारा घटना से पूर्व व घटना के पश्चात घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटैज को चैक किया गया। पुलिस टीम ने घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों व घटनास्थल से एकेडमी तक आने जाने वाले मार्गों व अमित कुमार द्वारा बताये गये स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया तो अमित कुमार के वाहन एक्सयूवी के साथ साथ एक संदिग्ध वाहन एक्सयूवी सफेद रंग का चलता दिखायी दिया। गहनता से अवलोकन पर पाया कि संदिग्ध वाहन एक्सयूवी 300 यूके 07 एफके 9398 का नम्बर प्रकाश में आया तथा घटना में फ्लैट में तीन व्यक्तियों के आने व जाने की फुटेज प्राप्त हुई।

घटना में कुल 4 व्यक्तियों का सम्मिलित होना पाया गया। वाहन का रजिस्ट्रेशन आशीष कुमार पुत्र वेदप्रकाश निवासी ग्राम बंजारन, नुकुड़, सहारनपुर के नाम पंजीकृत होना पाया गया। पुलिस टीम ने आशीष कुमार उपरोक्त के पते पर दबिश दी तो आशीष कुमार अपने घर से लगातार फरार चल रहा था व मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आ रहा था।

थानाध्यक्ष कुन्दन राम, चौकी प्रभारी मयूर विहार सहित पुलिस टीम ने नकुड़, सहारनपुर क्षेत्र में पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर दबिश दी व गिरफ्तारी व माल की बरामदगी के लिए भरसक प्रयास किये गये। पुलिस द्वारा लगातार किये गये प्रयासों के परिणाम स्वरूप घटना में सम्मिलित आरोपियों आशीष, सोनू व सुमित कुमार को मय घटना में प्रयुक्त वाहन एक्सयूवी 300 यूके 07 एफके 9398 के नकुड़-गंगोह रोड, जैनपुर गांव से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गयी।

पूछताछ करेन पर तीनों आरोपियों ने अपना अपराध को स्वीकार करते हुए बताया कि अभिषेक सैनी वादी अमित कश्यप के पास देहरादून में ट्रेडिंग का काम सीखता था। अभिषेक सैनी ने हमें बताया कि अमित कश्यप शेयर ट्रेडिंग का काम करता है और लोगों से रुपये लेकर मार्केट में निवेश करता है। अमित कश्यप के पास कई वॉलेट हैं जिनमें करोड़ों रुपए हो सकते हैं। एक वॉलेट जो हमारी जानकारी में है उसमें करीब 95 लाख रुपये होने की जानकारी मिली थी। अमित कश्यप ने आशीष से 6 लाख रुपये ट्रेडिंग के लिये थे जो उसने वापस नहीं किये थे। अगस्त में अमित कश्यप ने मुजफ्फरनगर में एक सेमिनार किया था, जिसमें उसने अपने ट्रेडिंग से सम्बन्धित डायमण्ड प्लाट को प्रमोशन करने के लिए काफी खर्चा किया था। जिसमें उसने कई लोगों को कार, बाइक, एलईडी, मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच गिफ्ट दिये थे। जिससे हमें विश्वास हो गया था कि अमित कश्यप के पास ठीक-ठाक पैसे हैं।

पुलिस ने तीनों गिरफ्तार आरोपियों आशीष कुमार पुत्र वेदप्रकाश, सोनू पुत्र बहादुर सिंह व सुमित कुमार पुत्र रमेश चन्द को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया। जबकि अभिषेक पुत्र महेश चन्द्र अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। जिसकी तलाश में दबिश डाली जा रही है।

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