हाथरस (महानाद) : सिकंदराराऊ में भगदड़ से हुई मौतों के मामले में 2 सदस्यीय जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए बताया है कि मामले में साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है, अभी और गहन जांच की जरूरत है। हादसे के लिए कार्यक्रम के आयोजक को मुख्य जिम्मेदार बताते हुए स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही भी तय की गई है।
समिति की जांच में सामने आया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी जानकारी नहीं दी। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार सहित 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बता दें कि जनपद हाथरस के सिकन्दराराऊ में विगत 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित हादसे के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों के बयान लिये गये, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी शामिल हैं। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार पत्रों की प्रतियां, स्थलीय वीडियोग्राफी, छायाचित्र, वीडियो क्लिपिंग आदि का भी संज्ञान लिया गया।
एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है। जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर कहा है कि हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अभी और गहन जांच की जरूरत बताई है।
जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसीलस्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं। एसडीएम सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।
एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। जिसके बाद एसडीएम, सीओ, थानाध्यक्ष व तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन ने सस्पेंड कर दिया है।
समिति के अनुसार आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली। आयोजको द्वारा पुलिस के साथ अभद्रता की गई। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।
सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी। वहीं, दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए।
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