इंस्टाग्राम पर ट्रिपल 888 एकाउंट बनाकर बेच रहे थे अवैध हथियार, 5 लोग हुए गिरफ्तार

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मुरादाबाद (महानाद) : मझोला थाना पुलिस ने अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री चलाने वाले गैंग का पर्दाफाश कर 5 लोगों गिरफ्तार कर लिया जबकि 5 अन्य अभियुक्त मौके से फरार हो गए। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में हथियार व हथियार बनाने का सामान भी बरामद हुआ है।

मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि गैंग के कुछ युवक अपना वर्चस्व और दबदबा कायम करने के लिए हथियार बनाने वालों के संपर्क में आए और वेबसीरीज मिर्जापुर से प्रेरणा लेते हुए इंस्टाग्राम पर ट्रिपल 888 नाम से एकाउंट बनाया और उसके माध्यम से अवैघ हथियारों का धंधा शुरू कर दिया।

एसपी ने बताया कि पकडत्रे गये युवकों में रामपुर के सैफनी का रहने वाला सतेंद्र प्राइवेट यूनिवर्सिटी से बीएससी कर रहा है। फिल्में देखकर गैंग बनाकर दबंगई करने का शौक उसे जरायम की दुनिया में काफी दूर तक ले आया। इसके लिए उसने इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया और ट्रिपल 888 गैंग बना डाली और अंधे के नाम से मशहूर रियासत से दुष्यंत, समीर, साहिल के माध्यम से संपर्क किया। इसके बाद वे रियासत के साथ मिलकर अवैध तमंचे बनाने लगे और सैंपल के लिए एक-एक तमंचा सभी लोग अंटी में लगाकर रखते थे। ताकि ग्राहक को हाथोंहाथ दिखाकर बेच सकें।

गिरफ्तार किये गये अभियुक्त –
1. रियासत (50 वर्ष) पुत्र अल्लाहबख्श निवासी लाकड़ी, फाजलपुर।
2. साहिल (20 वर्ष) पुत्र आबिद हुसैन निवासी चामुंडा के पास, पुराना लाकड़ी, फाजलपुर।
3. दुष्यंत (30 वर्ष) पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी लाइनपार, केजीके कालेज, विकास नगर।
4. अमन (23 वर्ष) पुत्र देवेंद्र निवासी अहरोला मल्लपुर, बिलारी।
5. सतेंद्र (23 वर्ष पुत्र सुरेंद्र निवासी सैफनी, जटपुरा, रामपुर।

अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री से बरामद सामान –
20 देशी तमंचे, जिनमें तीन तमंचे 12 बोर, 17 तमंचे 315 बोर, 30 अधबने देशी तमंचे व बैरल, 73 वैल्डिंग रॉड डिब्बी, एक ड्रिल मशीन, दो ग्राइंडर मशीन, 70 फायरिंग पिन, 25 तमंचे बनाने में इस्तेमाल होने वाली स्प्रिंग, कारतूस बनाने वाली डाई, एक खैरात मशीन, एक पेंट करने वाली स्प्रे मशीन, लोहे की चाप व चाप में प्रयोग होने वाली डिजाईनदार कटी लकड़ी, एक ब्लोअर भट्टी, दो 12 बोर के कारतूस, दो 315 बोर के कारतूस, एक कारतूस 0.32 बोर, तीन खोखे 315 बोर कारतूस, एक खोखा 0.32 बोर कारतूस, शस्त्र बनाने की सामग्री एवं उपकरण बरामद हुए हैं।

आपको बता दें कि मुरादाबाद ही नहीं आसपास के मंडलों में भी अंधे के बनाये तमंचे मशहूर हैं। हालांकि अंधे की अब मौत हो चुकी है। उसका छोटा भाई रियासत भी 50 साल का हो चुका है। वह अपने भाई अंधे के साथ 18 साल की उम्र से तमंचे बना रहा था। 315 बोर का तमंचा 12-15 रुपये, 315 बोर का तमंचा स्टील में 15-17 हजार रुपये के बीच बेचे जा रहे थे।

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