खटीमा (महानाद) : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेल के तहत वन चेतना केन्द्र, स्पोर्ट्स स्टेडियम, चकरपुर, खटीमा में मलखंब प्रतियोगिता के आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया तथा दीप प्रज्जवलित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने चकरपुर स्टेडियम में बॉक्सिंग छात्रावास बनाने की घोषणा की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी का पारंपरिक छोलिया नृत्य से व फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। स्कूली छात्रों द्वारा स्वगात गीत की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री ने मलखंब प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने आये प्रतिभागियों की कलाओं को देखा व उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत मलखंभ प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर मैं, देश के कोने-कोने से पधारे आप सभी प्रतिभागियों एवं खेल प्रेमियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ। उन्होंने कहा कि आज चकरपुर के इस नवनिर्मित स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत आयोजित इस मलखंभ प्रतियोगिता में आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से इस बार के राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हमारे प्रदेश में हो रहा है। इस आयोजन से ना केवल हमारे खिलाड़ियों को अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन दिखाने का अवसर मिल रहा है, बल्कि प्रदेश का स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर भी मज़बूत हुआ है। इसी क्रम में चकरपुर के इस स्टेडियम को 16 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं से युक्त किया गया है, जो हमारे युवाओं को विभिन्न खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए अत्यंत गर्व की अनुभूति हो रही है कि इस बार के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाडियों ने अब तक 17 स्वर्ण पदकों के साथ पहली बार 77 से अधिक मेडल लाने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल विजेता कपिल पोखरिया, वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक विजेता विवेक पांडे, रजत पदक विजेता अमन, फुटबॉल में रजत पदक विजेता अजय बिष्ट व बीच हैंडबॉल में रजत पदक विजेता अमन जोशी को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत के पारंपरिक खेलों को न केवल सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा है, बल्कि उन्हें वैश्विक पहचान भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भेजे गए प्रस्ताव में हमारे पारंपरिक खेलों जैसे कबड्डी, खो-खो और योग आदि को ओलंपिक में शामिल करने के प्रयास भी किए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि उत्तराखंड में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में पहली बार योग और मलखंभ जैसे हमारे पारंपरिक खेलों को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मलखंभ केवल एक खेल नहीं, बल्कि शारीरिक दक्षता, मानसिक एकाग्रता, संतुलन और आत्मसंयम का अद्भुत संगम है, ये हमारे भारत की एक ऐसी प्राचीन विरासत है, जिसे संजोकर रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मलखंभ योग, कुश्ती और जिम्नास्टिक का एक ऐसा अद्भुत मिश्रण है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को साधने की अद्वितीय क्षमता है, यही कारण है कि आधुनिक खेलों के बीच भी इसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर, मैं, आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार प्रदेश में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार कार्य करती रहेगी। धामी ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपमें से कई खिलाड़ी आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और मलखंभ की हमारी इस प्राचीन विरासत को विश्व स्तर पर ले जाने वाले सारथी बनेंगे।
इस अवसर पर मेयर रुद्रपुर विकास शर्मा, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद खटीमा रमेश चन्द्र जोशी, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एडीएम पंकज उपाध्याय, एएसपी डॉ. उत्तम सिंह नेगी, सचिव राज्य ओलम्पिक एसोसिएशन डॉ. डीके सिंह, जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की , डीओसी मलखंब नैनपाल, गणेश जोशी, गोपाल बिष्ट, कै. गंभीर सिंह धामी, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, दान सिंह रावत, भुवन जोशी, किशोर जोशी, गोपाल बोरा सहित अनेक खिलाड़ी व खेलप्रेमी मौजूद थे।