सॉल्वर से परीक्षा दिलवाकर कमा रहे थे लाखों, चढ़ गये पुलिस के हत्थे

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सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : पुलिस ने अन्तर्राज्जीय नकल गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना सहित 2 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से परीक्षा के एवज में लिये गये 1 लाख रुपये बरामद किये हैं। ये लोग परीक्षा से पूर्व अभ्यर्थियों से सांठ गांठ कर सॉल्वर के माध्यम से परीक्षा दिलवाते थे तथा परिक्षार्थी और सॉल्वर के फोटो को एप के माध्यम से कनेक्ट कर दोनों से मिलता जुलता फोटो तैयार करते लेते थे। इनके द्वारा पूर्व में भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसे लेकर अभ्यर्थियों के स्थान पर सॉल्वर से परीक्षा दिलवाई गयी थी।

आपको बता दें कि दिनांक 20-04-2025 को जयकृष्ण पुत्र पूरणचंद केन्द्र अधीक्षक, केन्द्र केवी ओएनजीसी देहरादून ने कोतवाली कैन्ट में तहरीर देकर बताया कि केवी ओएनजीसी देहरादून मे सीबीएसई रिक्रूटमेंट की परीक्षा सीबीएसई द्वारा आयोजित की गयी थी, यह परीक्षा दिनांक 20.04.2025 को दो पालियों में हुई थी। प्रवेश पत्र के अनुसार गौतम कुमार पासवान पुत्र नत्थू पासवान भी इस परीक्षा में सम्मिलित हुआ था, लेकिन 4 बजे के आस-पास सीबीएसई की तरफ से टीम आई, जिनके पास परीक्षा में सम्मिलित एक परिक्षार्थी के संदिग्ध होने की खबर आई थी। सीबीएसई द्वारा उक्त परिक्षार्थी के अभिलेखों की छानबीन करने तथा परिक्षार्थी आयुष कुमार पाठक पुत्र विनय कुमार पाठक से सख्ती से पूछताछ में करने पर उक्त परिक्षार्थी द्वारा किसी दूसरे उम्मीदवार के स्थान पर परीक्षा दिये जाने की बात कबूल की गई। जिसके आधार पर बीएनएस की धारा 61(2), 319(2), 318(4), 336(3) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

पूछताछ के दौरान अभियुक्त आयुष कुमार पाठक (22 वर्ष) पुत्र विनय कुमार पाठक निवासी सिंह, थाना नौहटा, जिला रोहतास, बिहार हाल निवासी हिडाल्को कालोनी, रेनूकूट, जिला सोनभद्र, उत्तर प्रदेश ने बताया कि वह वर्तमान में प्रयागराज में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा है। लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात प्रणव कुमार निवासी राजगीर, नालन्दा, बिहार से हुई थी, जो लम्बे समय से बिहार/झारखण्ड के लड़कों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने हेतु ठेका लेते हुए अभ्यर्थियों से मोटी धनराशि वसूलता है तथा अभ्यर्थियों के स्थान पर पेपर देने वाले परिक्षार्थियों को मोटा पैसा देता है।

आयुष ने बताया कि प्रणव कुमार से पटना बिहार में हुई मुलाकात के दौरान उसके द्वारा अभियुक्त को अपनी योजना के विषय में बताते हुए उसे मोटी धनराशि दिये जाने का लालच दिया गया तथा पूर्व में भी उससे 2 अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलवाई गई थी। जिसके एवज में प्रणव कुमार द्वारा अभियुक्त को मोटी धनराशि दी गई थी। लगभग तीन-चार माह पूर्व प्रणव कुमार द्वारा अभियुक्त से सम्पर्क कर उसे किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर सीबीएससी सुप्रिंटेन्डेट का पेपर देने तथा उसके एवज में उसे 3 लाख रूपये देने की बात कही गई तथा अभियुक्त का फोटो लेकर उसके कागजात तैयार करवाये गये। दिनांक 20.4.2025 को प्रणव कुमार अभियुक्त को लेकर देहरादून आया तथा उसे एडमिट कार्ड देते हुए ऑटो से परीक्षा केन्द्र ओएनजीसी केन्द्रीय विद्यालय पहुंचाया। अभियुक्त से पूछताछ में प्रणव कुमार के देहरादून में ही एक होटल में रूके होने की जानकारी प्राप्त हुई ।

आयुष से पूछताछ के आधार पर तत्काल एक टीम को प्रणव कुमार की तलाश हेतु रवाना किया गया। टीम द्वारा प्रणव के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए मुखबिर की सूचना पर अभियुक्त को कोलागढ़ रोड से गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से परिक्षार्थी से लिये 1 लाख रुपये नगद तथा 3 मोबाईल फोन बरामद किये गये।

पूछताछ करने पर प्रणव कुमार ने बताया कि वह बिहार/झारखण्ड के लड़कों से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने का ठेका लेता है। जिसके बदले में उसे ठीक-ठाक रकम मिल जाती है, उसके द्वारा गौतम कुमार पासवान पुत्र नाथू पासवान निवासी धनबाद, झारखण्ड से सीबीएसई सुप्रिंटेन्डेन्ट की परीक्षा हेतु 10 लाख रुपये में सौदा तय किया था तथा परीक्षा से पूर्व गौतम कुमार पासवान द्वारा अभियुक्त को एक लाख रुपये नगद तथा 25 हजार रुपये पेटीएम के माध्यम से दिये गये थे। बाकी के 8 लाख 75 हजार रुपये गौतम की ज्वाईनिंग के बाद उन्हें मिलने थे।

योजना के मुताबिक अभियुक्त द्वारा गौतम के स्थान पर आयुष पाठक को परीक्षा में बैठाया था, जिसको वह अपने साथ लेकर देहरादून आया था। परीक्षा के बाद जब आयुष पाठक ओएनजीसी केन्द्रीय विद्यालय से वापस होटल नहीं पहुंचा तो अभियुक्त उसे पैदल-पैदल ढूंढने के लिये होटल से परीक्षा केन्द्र की ओर जा रहा था। उसने पूर्व में भी आयुष पाठक को लगभग 3 से 4 बार अलग-अलग प्रतियोगी परिक्षाओं में दूसरों के स्थान पर बैठाया था तथा 10 से 15 बार अन्य लोगों से भी ऐसे ही परीक्षाओं में बैठाकर अदला बदली से परीक्षा दिला चुका है। जिसमें 8-10 लोगों का बिहार, झारखण्ड राज्य की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा रेलवे व अन्य केन्द्रीय प्रतियोगिता परीक्षाओं चयन भी हो चुका है, जिसके एवज में अभियुक्त को अच्छा पैसा मिला था।

प्रणव कुमार अभ्यर्थी का ऑन लाईन प्रतियोगिता फार्म भरने से पहले ही उससे सैटिंग कर लेता है तथा ऑन लाईन फार्म भरते समय अभ्यर्थी तथा परीक्षा में बैठने वाले सॉल्वर (डुप्लीकेट) दोनों के फोटो को एप के माध्यम से आपस में कनेक्ट कर एक ऐसा फोटो बनाते हैं जो लगभग दोनों से मेल खाता है, उक्त फोटो को फार्म/प्रवेश पत्र हेतु अपलोड कर देते हैं, जिससे प्रवेश पत्र के फोटो से नकली अभ्यर्थी की पहचान नहीं हो पाती है, साथ ही परिक्षार्थियों की आईडी के लिये उक्त फोटोग्राफ पर ही एक पैनकार्ड भी बना देते हैं जो परीक्षा के दौरान आईडी के काम आता है। ओएनजीसी में आयोजित परीक्षा में आधार से बायोमैट्रिक के कनैक्ट होने के कारण उक्त परीक्षा में सीबीएसई द्वारा धांधली को पकड़ा गया था। जबकि इससे पूर्व की परिक्षाओं में अभियुक्त कभी भी पकड़ में नही आये थे।

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