हल्द्वानी (महानाद) : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने आपदा मे क्षतिग्रस्त गौला पुल का मंगलवार देर सांय स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मौसम साफ होते ही जल्द पुल की मरम्मत का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को सरकार हर सम्भव मदद करेगी। आपदा में मृतक परिजनों को 4 लाख की राहत धनराशि दी जायेगी, साथ ही भवन क्षति, पशु क्षति आदि पर भी मानकों के अनुरूप शीघ्र सहायता राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकार को हर मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंनेे कहा कि वायु सेना के हैलीकाप्टर भी रेस्क्यू के लिए भेज दिये हैं। जो पर्यटक मार्ग अवरुद्ध होने से रास्तों मे फंसे है उन्हें तुरन्त सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है। आपदा की घडी में सभी संयम बरतें कुछ ही समय में परिस्थितियों में सुधार लाया जायेगा।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्किट हाउस में मण्डल मेें आपदा स्थिति की विस्तृत जानकारियां उच्च अधिकारियों से ली। उन्हांेने निर्देश दिये कि मृतकों का पोस्टमार्टम वहीं पर करें तथा मृतक आश्रितों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। इसके लिए जिलाधिकारी को धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कहा कि आपदा राहत बचाव हेतु हैलीकाप्टर की जरूरत हो तो तुरन्त लगाये जाएं। उन्होंने कहा अधिकारी राहत- बचाव कार्य युद्ध स्तर पर करें, घर का काम समझ कर करें, सभी जनता व जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवकों का भी सहयोग भी लिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पहाड़ी क्षेत्र कुमाऊं का आपदा कन्ट्रोल रूम हल्द्वानी में बनाया जाए तथा उधम सिंह नगर का कन्ट्रोल रूम उधम सिंह नगर में बनाया जाए। दोनों कन्ट्रोल रूम चौबीस घंटे संचालित किये जाएं तथा इनमे कर्मचारियों के साथ ही नोडल अधिकारी भी तैनात किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें टूटने व मलवा आने से सड़कें अवरुद्ध हैं जिससे क्षेत्रीय जनता व पर्यटक मार्गों मे फंसे हैं। उन्होंने बन्द सड़क मार्ग खोलने हेतु आज से ही अधिक से अधिक जेसीबी, पोकलैण्ड मशीनें लगाकर सड़कें सुचारू करने के निर्देश देते हुये फंसे पर्यटकों व जनता को निकालने के निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि आपदा क्षेत्रों में राशन की कतई कमी ना हो तथा मार्गाे व आपदा बाढ़ क्षेत्रों मे पका पकाया भोजन व्यवस्था के साथ ही पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, धन की कोई कमी नही है। उन्होंने आपदा के दौरान ध्वस्त विद्युत, पेयजल लाइनें भी शीघ्र मरम्मत कर सुचारू करने के निर्देश दिये ताकि जनता को अनावश्यक परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में क्षतिग्रस्त नुकसान का शीघ्र आंकलन करें तथा आपदा मे ध्वस्त कार्याे को तुरन्त प्रारम्भ करें साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा कार्याे हेतु क्वैरी भी तुरन्त स्वीकत की जाए।
आयुक्त सुशील कुमार व डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि आपदा राहत बचाव हेतु आपदा क्षेत्रों में राजस्व, पुलिस के साथ ही एडीआरएफ, एनडीआरएफ व सेना भी लगाई गई है। आयुक्त ने बताया कि नैनीताल शहर जाने हेतु सभी सड़कें बन्द हो गई थी। नैनीताल-कालाढूंगी सड़क मार्ग खोल दिया गया है। जबकि हल्द्वानी-ज्योलीकोट-नैनीताल, नैनीताल-भवाली सड़क मार्ग देर रात तक खोल दिया जायेगा। मुख्यमंत्री धामी ने सड़क मार्ग खोलने मे लगे जेसीबी चालक से फोन पर वार्ता भी की।
बैठक में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, धन सिंह रावत, विधायक नवीन दुम्का, महापौर डॉ. जोगेन्द्र सिह रौतेला, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग मजहर नईम नवाब, अनिल कपूर डब्बू, प्रकाश हर्बाेला, धु्रव रौतेला, शंकर कोरंगा, चन्दन बिष्ट सहित डीजीपी अशोक कुमार, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद थे।