11 तरह के पहचान पत्रों के जरिए मतदाता मतदान कर सकेंगे।
लखनऊ (महानाद) : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तय समय पर ही होंगे, इसके संकेत यूपी दौरे पर आए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने दे दिये हैं। चुनाव आयुक्त ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सभी दलों ने समय पर ही चुनाव कराने की मांग की की है। यूपी चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की और हमें बताया कि सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर ही विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए।
तीन दिनों तक समीक्षा करने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि 5 जनवरी को फाइनल वोटर लिस्ट आएगी। उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी नए वोटर और महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव के पक्ष में हैं। बता दें कि पांच राज्यों में अगले साल फरवरी-मार्च के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के साथ आयोग के अन्य अधकारी अनूप चन्द्र पांडेय, उमेश सिन्हा, राजीव कुमार सहित चुनाव आयोग के 13 अधिकारियों की टीम मौजूद थी। चुनाव आयोग ने पिछले 2 दिनों में कई मीटिंग की हैं।
बता दें कि 14 मई 2022 को यूपी सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यूपी में विधानसभा सीटों की संख्या 403 है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि पहले दिन यूपी की सभी राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात की गई और आयोग ने राजनीतिक पार्टियों द्वारा बताए गए बिंदुओं का संज्ञान लिया। आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों, कमिश्नर, पुलिस के आला अफसरों से मुलाकात की और उन सभी अफसरों से उनके जिलों की लॉ एंड ऑर्डर के बारे में जानकारी ली।
चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी में मतदाता पंजीकरण का काम 5 जनवरी तक चल रहा है। 5 जनवरी को फाइनल निर्वाचक नामावली प्रकाशित होगी। इस बार 15 करोड़ से अधिक अभी तक उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की संख्या है। आयोग ने बताया कि निर्वाचक नामावली प्रकाशित होने के बाद भी लोग अपना नाम जुड़वा सकते हैं। इस बार 52.8 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इसने कहा कि जनवरी 2022 को 18 साल के हो रहे मतदाता अपना पंजीकरण जरूर करें।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें –
मतदाता जागरूकता और सुरक्षा व्यवस्था संबंधी सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बातचीत की गई।
जीएसटी, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट समेत तमाम विभागों से बातचीत की गई।
प्रमुख सचिव डीजी पुलिस हेल्थ सेक्रेट्री से भी मुलाकात की है।
सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन से समय पर चुनाव होने की बात कही।
कुछ राजनीतिक दलों ने रैलियों में कोरोना के उल्लंघन का भी जिक्र किया।
पोलिंग बूथों पर महिला पुलिस कर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था की बात कही।
प्रशासन के पक्षपाती रवैये की भी राजनीतिक पार्टियों ने शिकायत की।
कुछ राजनीतिक पार्टियों ने उनकी पार्टियों की रैलियों पर रोक लगाने का भी जिक्र किया।
रैलियों में हेट स्पीच और पेड न्यूज़ पर भी चिंता जाहिर की गई।
भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया है।
आयोग ने और क्या-क्या कहा –
80 वर्ष से अधिक और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे बैलेट पेपर से वोट देने की अनुमति मिलेगी।
सभी पोलिंग बूथों पर मतदान संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
यूपी के 800 पोलिंग बूथ ऐसे होंगे जहां पर सभी कर्मचारी महिला ही होंगे।
महिला सशक्तिकरण के लिहाज से चुनाव आयोग एक बड़ा कदम उठा रहा है।
11 तरह के पहचान पत्रों के जरिए मतदाता मतदान कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश का पूरा चुनाव ईवीएम वीवीपट के जरिए ही होगा।
यूपी में 1 लाख पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी।
मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए आयोग प्रयास कर रहा है।
यूपी में 86 परसेंट लोगों को पहली डोज और 49ः लोगों को दोनों डोज़ लग चुकी हैं।
पोलिंग बूथ पर ड्यूटी पर लगाए गए सभी अफसर 100ः वैक्सीनेटेड होंगे।
मतदान के समय में एक घंटा बढ़ाया जाएगा, सुबह 8रू00 बजे से शाम 6रू00 बजे तक मतदान कर सकेंगे लोग।
3 साल तक एक ही जगह पर जमे हुए अफसरों के होंगे तबादले।
सी विजिल ऐप के जरिए चुनाव में गड़बड़ियों पर नजर रखी जाएगी।
आपराधिक छवि के लोगों को चुनाव लड़ने से पहले अपने बारे में अखबारों और टीवी के माध्यम से जानकारी देनी होगी।
अपने ऊपर दर्ज मुकदमों के बारे में जनता को बताना होगा।