काशीपुर कांग्रेस : तो क्या केसी सिंह बाबा ने दिखा दिया कि शेर कभी बूढ़ा नहीं होता

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विकास अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट
महानाद डेस्क : काशीपुर विधानसभा चुनाव में अचानक से कांग्रेस के सभी दावेदारों को दरकिनार कर एक नया नाम काशीपुर की राजनीति में तैरने लगा है। और वह नाम है पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा के सुपुत्र नरेन्द्र चंद्र सिंह का।
जी हां, जिस नाम के बारे में काशीपुर में कोई सोच भी नहीं रहा था कांग्रेस में वह नाम अचानक से टिकट की दौड़ में सबसे आगे दिखाई देने लगा है। पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा के सुपुत्र नरेन्द्र चंद्र सिंह को आलाकमान ने दिल्ली में बुलाया था जहां उन्हें बताया गया कि संदीप सहगल के टिकट को लेकर कुछ परेशानी है। इसलिए आप तैयारी करें। जिस पर उन्होंने प्रत्याशी बनने के लिए हामी भर दी है।
बता दें कि काशीपुर कांग्रेस में केसी बाबा एक बहुत बड़ा नाम है। बाबा काशीपुर के चेयरमैन, विधायक और दो बार के लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने मनोज जोशी एडवोकेट को तन-मन-धन से चुनाव लड़वाया था और जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था। वे महज 2382 वोटों से चुनाव हार गये थे। 2017 में उन्होंने खुद टिकट के लिए दावेदारी की थी। लेकिन कहते हैं कि तब यूपी में कांग्रेस-सपा के गठबंधन होने के कारण वे अखिलेश यादव की सिफारिश से कांग्रेस का काशीपुर से टिकट ले आये थे। लेकिन तब बाबा के उन्हें चुनाव न लड़ाने के कारण उनकी हार का अंतर काफी बढ़ गया था। और उन्हें 20114 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
2017 के बाद से पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा सक्रिय राजनीति से लगभग बाहर थे। और लोग उन्हें बूढ़ा शेर कहने लगे थे। लेकिन आज एक बार फिर केसी बाबा ने साबित कर दिया कि शेर कभी बूढ़ा नहीं होता। जहां इस बार टिकट की दौड़ में संदीप सहगल, मुक्ता सिंह और मनोज जोशी का नाम सुनने में आ रहा था वहीं बाबा के मास्टर स्ट्रोक ने सभी दावेदारों के समीकरणों पर पानी फेर दिया और अपने बेटे नरेंद्र चंद्र को टिकट की दौड़ में सबसे आगे पहुंचा दिया।

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