दिल्लीः देश के कई राज्यों में पारा बढ़ने से भीषण गर्मी महसूस की जा रही है। कई राज्यों में तो अब कूलर की ठंडक ने भी हथियार डाल दिए हैं। रविवार यानि 3 मार्च को तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया।भारत में तापमान का रिकार्ड वर्ष 1901 से रखा जाना शुरू हुआ था। इस तरह भारत में 122 सालों में इस साल मार्च के महीने में औसत तापमान सबसे अधिक रहा।
मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तर मध्य भारत में लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं हैं। मौसम में एकाएक बदलाव की वजह से देश के ज्यादा हिस्से लू की चपेट में हैं। साल 2022 के मार्च महीने के तापमान ने 122 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। वर्ष 2010 के मार्च में दर्ज औसत अधिकतम तापमान के सर्वकालिक औसत को पार कर लिया। 2010 के मार्च में अधिकतम तापमान का औसत 33.09 डिग्री सेल्सियस रहा था लेकिन मार्च 2022 में औसत तापमान 33.1 डिग्री दर्ज किया गया।
दुनियाभर में भी पिछले दो दशक में सबसे गर्म साल देखने को मिले हैं। जलवायु परिवर्तन का असर मौसम की तीव्रता पर पड़ रहा है, भारत में भी यह भीषण बाढ़, चक्रवात या भारी बारिश के रूप में देखने को मिला है। इसमें उत्तर में पश्चिमी विक्षोभ एवं दक्षिण में किसी व्यापक मौसमी तंत्र के नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी का प्रभाव भी है।