देहरादून: अगर आप रोडवेज बस से सफर करने की सोच रहे है तो आपके लिए जरूरी खबर है। क्योंकि रोडवेज ने अब नियमों में बदलाव किया है। अब आपके सामन का भी किराया वसूला जाएगा। जी हां उत्तराखंड रोडवेज का हवाई सेवा जैसा नियम हो गया है। यात्रियों को 20 किलो और पर्वतीय मार्गों पर 25 किलो सामान निशुल्क ले जाने की अनुमति। अगर सामान इससे ज्यादा होगा तो उन्हें भुगतान करना होगा। परिवहन निगम ने सामान के वजन के किराये की दरें जारी कीं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रोडवेज ने नियमों में बदलाव किया है। लोगों से अब फ्री में सामान भर बस में नहीं ले जा सकेंगे। परिवहन निगम ने सामान के वजन के किराये की दरें जारी कीं। इसके तहत घरेलू सामान जैसे अटैची, छोटा संदूक, बैग, बिस्तर 20 व 25 किलो निशुल्क के दायरे में रखा गया है। कार्यालय कुर्सी, डाईनिंग कुर्सी, फोल्डिंग बेड, सिलाई मशीन आदि का वजन 25 किलो तक होने पर सवारी के किराये का 25 प्रतिशत किराया और 50 किलो तक वजन होने पर किराये का 50 प्रतिशत अतिरिक्त किराया देना होगा। बड़ी साइकिल, बच्चों की ट्रॉली, बच्चों की साइकिल का वजन 25 से 50 किलो होने पर यात्री को किराया का आधा रुपया देना होगा। बताया जा रहा है कि एक बस में अधिकतम पांच क्विंटल सामान ही लादा जा सकेगा। गैस सिलिंडर, मिट्टी का तेल, डीजल, पेट्रोल, शराब की बोतल, चमड़ा, मीट, अंडा, सीमेंट, सरिया, पेंट ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अगर सामान का वजन 100 किलो है तो एक यात्री का पूरा किराया, 200 किलो होने पर दो यात्री का किराया देना होगा। कंप्यूटर, मॉनिटर आदि का वजन 50 किलो तक होने पर एक यात्री के किराये का 50 प्रतिशत अतिरिक्त देय होगा। फल, सब्जी की टोकरी, सेब की दो पेटी का वजन 50 किलो होने पर एक यात्री के किराये का 50 प्रतिशत अतिरिक्त देना होगा। वहीं यात्रा के दौरान अगर सामान टूट जाता है तो उसकी जिम्मेदारी रोडवेज की नहीं होगी। गौरतलब है कि हवाई सेवा के दौरान भी यात्रियों को एक सीमित सामान ले जाने दिया जाता है। ज्यादा होने पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है।