काले दिवस के रूप में मनाई आपातकाल की बरसी, आपातकाल में जेल गए सेनानियों को किया सम्मानित

0
669

आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : भारतीय जनता युवा मोर्चा ने 25 जून 1975 को देश मे लागू किये गए आपातकाल को याद करते हुए उसे काला दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान आपातकाल में कारागार में डाले गए तत्कालीन लोगों में से जीवित 3 में से कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. केके अग्रवाल एडवोकेट को शॉल ओढ़ाकर तथा फूल माला पहनाकर सम्मानित किया।

काशीपुर में अग्रवाल सभा भवन में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर आपातकाल की घोषणा की थी और पूरे देश में आपातकाल लगा दिया गया था। यह भारत के इतिहास में सबसे काला दिन था। लोकतंत्र की हत्या एवं आम नागरिकों के अधिकारों का हनन व्यापक पैमाने पर किया गया।

इस दौरान सम्मानित किए गए डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि आपातकाल की घोषणा देश के साथ बहुत बड़ा अन्याय था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नेस्तनाबूद करने की योजना बनाने के आरोप तथा टेलीफोन के खंभों पर चढ़कर बिजली के तार काटने जैसे आरोप लगाए गए। उस वक्त काशीपुर से लगभग 29 लोग जेल में डाले गए थे। उन्होंने बताया कि वह भी ढाई महीने तक जेल में रहे। पहले उन्हें हल्द्वानी जेल भेजा गया। जहां से बरेली सेंट्रल जेल के लिए शिफ्ट किया गया। उस समय की आपबीती बताते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त जेल में कैदियों से बदतर दुर्व्यवहार किया गया। जेल में मिलने जाने वाले परिजनों से उन्हें मिलने भी नहीं दिया जाता था। लोहे की परात में रोटी तथा दाल दी जाती थी तथा टब में पीने के लिए पानी दिया जाता था। उन्होंने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कुटिल राजनीतिज्ञ की संज्ञा दी।

इस दौरान गुरविंदर सिंह चंडोक, प्रशांत पंडित, आकाश काम्बोज, इंतजार हुसैन, रवि प्रजापति, प्रियान्शु, रिकी पोंटिंग, पुलकित सेठी, हर्ष रत्नाकर, अंकित शर्मा, मनीषा आदि उपस्थित थे।