घोर कलियुग : दोस्त की मां पर रखता था बुरी नजर, दोस्त ने जहर खिलाकर ले ली जान

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रुद्रपुर (महानाद): पुलिस ने पीयूष राणा हत्याकांड का खुलासा करते हुए उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी उधम सिंह नगर मंजूनाथ टीसी ने बताया कि विगत 2 मई 2022 को चौकी सिडकुल पर सूचना मिली कि ग्राम छतरपुर में किराये पर रहने वाला एक लड़का अपने कमरे में मृत पड़ा है। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक पंतनगर एवं चौकी सिडकुल पुलिस मौके पर पहुंचे तो पता चला कि मृतक का नाम पीयूष राणा (26 वर्ष) पुत्र सुनील राणा निवासी श्रीपुर बिचवा, खटीमा है। आसपास पूछताछ की तो पता चला कि मृतक अशोक लीलेन्ड कंपनी में काम करता था व अपने दोस्त सोनू पुत्र विनोद कुमार निवासी कंजाबाग, खटीमा के साथ छतरपुर में किराए के मकान में रहता था।

पूछताछ के दौरान पता चला कि एक दिन पूर्व ही मृतक का दोस्त सोनू अपने घर खटीमा गया हुआ था तथा मृतक का दोस्त अभिषेक राणा पुत्र स्व. पूरन सिंह निवासी चारुबेटा, मंदिर वाली गली, थाना खटीमा, उधम सिंह नगर उसके साथ रात में कमरे में रुका था। मृतक के कमरे की तलाशी ली गई तो उसके कमरे से मृतक के सामान के अलावा एक शीशी व एक एविल का इंजेक्शन तथा बर्तनो में पका हुआ खाना दाल और चावल मिले। मौके पर मिले इंजेक्शन, शीशी तथा पके हुए दाल व चावल को पुलिस द्वारा कब्जे पुलिस लिया गया तथा शव का पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया। पोस्टमार्टम में भी मृतक पीयूष राणा की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो सका तथा मृतक का बिसरा संरक्षित किया गया।

एसएसपी ने बताया कि घटना के सम्बंध में मृतक के परिजनो एवं दोस्त सोनू व अभिषेक सहित कई लोगों से काफी गहन पूछताछ की गई किंतु किसी के भी द्वारा कोई लाभप्रद जानकारी नहीं दी गई थी। ना ही किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य ही उपलब्ध थे। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई पीयूष राना की मृत्यु के सम्बंध में कोई साक्ष्य उपलब्ध ना होने की दशा में भी पुलिस द्वारा जाँच जारी रखते हुए मृतक का बिसरा एवं मृतक के कमरे से बरामद शीशी, इंजेक्शन तथा पके हुए दाल चावल परीक्षण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया। जिसकी परीक्षण रिपोर्ट में मृतक के बिसरा एवं मौके से मिले भोजन दाल और चावल में जहर होने की पुष्टि हुई।

एफएसएल रिपोर्ट प्राप्त होने पर मृतक के दादा रामकिशन पुत्र साधुराम निवासी श्रीपुर बिचवा, खटीमा की तहरीर पर थाना पंतनगर में एफआईआर सं.147/2022 धारा 302/328 आईपीसी बनाम अभिषेक राणा पंजीकृत किया गया। जब अभिषेक राना से पुनः पूछताछ की गई तो उसके द्वारा अपना जुर्म कबुल कर बताया कि उसके द्वारा ही पीयूष राणा के खाने में जहर मिलाया गया था। अपने ही दोस्त की हत्या करने में चौकाने वाला खुलासा करते हुए अभिषेक ने बताया कि वह मृतक पीयूष राणा को पिछले 2 वर्ष से जानता था। पीयूष उसके घर पर भी आता जाता रहता था। पीयूष अक्सर अभिषेक की मां के लिए गलत बोलता रहता था तथा उसकी मां पर गलत नजर भी रखता था। यही बात अभिषेक को बुरी लगती थी। अभिषेक ने पीयूष को कई बार बोला भी कि मेरी मां के लिए ऐसा मत बोलो लेकिन पीयूष नहीं माना। इसी बात को लेकर तथा पीयूष को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से अभिषेक दिनांक 01.05.2022 को घर से ही जहर लेकर पीयूष के साथ कंपनी में काम करने की बात कहकर उसके कमरे में आया।

पीयूष कमरे में अकेला था मौका पाकर अभिषेक ने पीयूष के दाल व चावल में जहर (सल्फास) मिला दिया। जब पीयूष ने अभिषेक को भी खाने के लिए कहा तो अभिषेक ने यह कहकर खाना खाने से मना कर दिया कि वह लंबा सफर करके आया हैं उसे चक्कर आ रहे है तथा खाना खाने का मन नहीं कर रहा हैं। उसके बाद अभिषेक ने कमरे का दरवाजा अंदर से बन्द कर दिया तथा सोने का नाटक करने लगा। जब पीयूष ने खाना खाया तो रात में उसकी तबियत बिगड़ने लगी तो अभिषेक उसे मरते देखता रहा। जहर देकर अभिषेक मौके से इसलिए नहीं भागा कि कहीं पीयूष की कोई मदद ना कर दें। रात भर पीयूष तड़फता रहा तथा अभिषेक उसके मरते देखता रहा। सुबह तक पीयूष तडफ तड़फकर मर गया तो अभिषेक ने पीयूष को कंबल ओढ़ा दिया ताकि ऐसा लगे कि वह सोया है।

सुबह के समय पीयूष का दोस्त सोनू घर से जल्दी ही आ गया तथा उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अभिषेक ने दरवाजा खोला। पीयूष को सोता समझकर सोनू भी कमरे से अपनी बाईक उठाकर चला गया। सोनू के जाते ही अभिषेक ने फटाफट कमरे से अपना सामान लिया तथा कमरे का दरवाजा बाहर से बन्द कर बस से वापस अपने घर खटीमा चला गया। सोनू जब ड्यूटी खत्म कर वापस कमरे में आया तो उसने देखा कि पीयूष कंबल ओढ़े लेटा है। उसने उसे जगाने के लिए कंबल हटाया तो देखा कि पीयूष के मुँह से झाग निकला है। तब सोनू ने इसकी सूचना सभी को दी।

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि घटना को करीब ढाई माह बीत जाने के बाद अभियुक्त अभिषेक निश्चिन्त हो चुका था कि वह अब नहीं फँसेगा। किन्तु पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई पीयूष की मृत्यु का राज जानने के लिए अपनी जाँच जारी रखी तथा फोरेन्सिक सांइस की मदद से अभियुक्त के विरुद्ध ठोस साक्ष्य जुटाए और उसे 24.07.2022 को उसके घर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

हत्या का खुलासा करने वाली टीम को एसएसपी द्वारा 2500 रुपये ईनाम की घोषणा की गई है।