कोलकाता (महानाद) : आखिरकार पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने करीबी मंत्री पार्थ बनर्जी को सरकार और पार्टी दोनों से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्थ बनर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के पास से ईडी को 50 करोड़ रुपये बरामद हो चुके हैं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल एसएससी घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा पश्चिमी बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने और उनकी करीबी के ठिकानों से करोड़ों की अवैध संपत्ति बरामद होने के बाद पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उन्हें हटाने का बेहद दबाव था। ममता बनर्जी बयान भी दे चुकी हैं कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार का साथ नहीं देगी। अब ममता बनर्जी ने सख्त फैसला लेते हुए पार्थ चटर्जी को अपने मंत्रिमंडल और पार्टी दोनों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
बता दें कि पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं। पार्थ ममता सरकार में उद्योग मंत्रालय, कॉमर्स और एंटरप्राइजेज, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे थे।
पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है। मेरी पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई करती है।
वहीं, अभिषेक बनर्जी ने बताया कि पार्थ चटर्जी को टीएमसी के महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और तीन अन्य पदों से हटा दिया गया है। जब तक उनके खिलाफ जांच चलेगी वह पार्टी से निलंबित रहेंगे। अगर वह निर्दाेष साबित होते हैं तो वह पाटी्र में दोबारा वापस आ सकते हैं। पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती रहेगी।
क्या है बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला?
कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है। इसी मामले में ईडी संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में जुटी है।
मामले में पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई। जहां से लगभग 50करोड़ से ज्यादा नकदी बरामद हुई है। इसके अलावा अन्य अवैध संपत्ति भी बरामद की गई है। पूछताछ के आधार पर केंद्रीय एजेंसियां अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। अर्पिता मुखर्जी ने बताया हे कि उक्त पैसा पार्थ चटर्जी का ही है जो उन्होंने अर्पिता के पास छिपा कर रखा हुआ था।