देहरादून (महानाद) : देहरादून पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने अपने पति संग मिलकर लोगों को उत्तराखंड आयुर्वेदिक संस्थान में फार्मासिस्ट के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर डेढ़ करोड़ की ठगी करने के बाद 4 साल से फरार महिला को एसओजी व नेहरु कॉलोनी पुलिस टीम ने गुरुवार को एक संयुक्त कार्यवाही करते हुए महाराष्ट्र के रायगढ़ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला वर्तमान में रायगढ़ के एक कंप्यूटर संस्थान में शिक्षिका बनकर रह रही थी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वर्ष 2019 में थाना नेहरु कॉलोनी निवासी आजाद डिमरी द्वारा मृणाल धूलिया व योगिता धूलिया द्वारा ओजस्वी एसोसिएट नाम से फर्म संचालित कर लोगों से उत्तरांखड आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में फार्मासिस्ट के पदों पर नौकरी लगवाने व उत्तराखंड सरकार से 90 पदों का सृजन करने के बदले कई लोगों से लगभग 1 करोड़ 42 लाख रुपये ठगने की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद से ही उक्त दोनों आरोपी फरार चल रहे थे।
बताया जा रहा है कि जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों की मोबाइल लोकेशन व मुखबिरी सूचना पर मृणाल धूलिया को वर्ष 2020 में हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया था। किंतु योगिता धूलिया(38) लगातार नाम बदलकर पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रही थी। जिसके बाद पुलिस द्वारा फरार अभियुक्ता योगिता पर 15 हज़ार ईनाम घोषित किया था।
एसओजी व नेहरू कॉलोनी की संयुक्त टीम द्वारा मुखबिरी तंत्रों को सक्रिय करते हुए अभियुक्ता के मुम्बई के रायगढ़ में होने की जानकारी मिली। जिसपर संयुक्त टीम द्वारा 28 जुलाई को रायगढ़ स्थित फ्लैट 401 बिल्डिंग नम्बर-12 ए-विंग गार्डिनिया तलोजा,नवी मुंबई से अभियुक्ता योगिता को गिरफ्तार किया।
महिला एप्टेक कंप्यूटर सेंटर में कंप्यूटर शिक्षक के तौर पर कार्य कर रही थी। जिसे संयुक्त टीम द्वारा स्थानीय न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया है। फरार महिला को गिरफ्तार करने वाली टीम को एसएसपी देहरादून ने 10 हज़ार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।