‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई’ ये कहावत एक बार फिर सही साबित हुई। इसे चमत्कार ही कहेंगे। उत्तराखंड को झकझोर कर रख देने वाले जिस पौड़ी हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई है। 18 घायल है तो वहीं इसी हादसे में एक दो साल की मासूम सुरक्षित मिली है। हादसे में बच्ची मां को खो चुकी है। मृत मां के सीने से लिपटी मासूम 12 घंटे के बाद गहरी खाई से निकाली जा सकी है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हरिद्वार से पौड़ी जा रही संदीप की बारात में उसके रिश्तेदार रसूलपुर कस्बे की गुड़िया देवी और उसकी दो साल की बेटी दिव्यांशी भी बस में सवार होकर गई थी। बताया जा रहा है कि जिस समय बीरोंखाल के सिमड़ी के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। उसमें समय 2 साल की दिव्यांशी अपनी मां की गोद में ही थी। इतनी गहरी खाई में बस गिरने के बाद भी गुड़िया देवी ने अपनी मासूम बेटी को अपने से अलग नहीं होने दिया।
मां की ममता ऐसी की वह अपनी बेटी को अंतिम समय में भी अपनी गोद में लिपटाए रही। हादसे में मां तो इस दुनिया को अलविदा कह गई है। लेकिन अपनी जान देकर बेटी को बचा गई है। करीब 11 घंटे दिव्यांशी अपनी मां की गोद में सुरक्षित रहकर नया जीवन पा गई। बताया कि हर कोई यह देखकर हैरान था कि बच्ची न केवल सही सलामत है और गोद से छिटककर भी कहीं और नहीं गिरी। वरना गोद से अलग होने पर भी उसके साथ कुछ हो सकता था।
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू के बाद बच्ची को सही सलामत उसके घर पर पहुंचा दिया गया है, जहां वह कुछ भी नहीं समझ पा रही और बार-बार केवल मां को ही याद कर रही है। लेकिन उस मासूम को यह नहीं पता कि उसकी मां ने अपनी जान देकर उसकी जान बचाई है। गांव में कोहराम मचा हुआ है।