उत्तराखंड के लोगों को मिलेगा ‘परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड’

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देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड सरकार अब एक नए पहचान पत्र को लेकर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि हरियाणा की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी परिवार का एक विशिष्ट पहचान पत्र बनाने की कवायद शुरू हो गई है। मुख्य सचिव डा.एसएस संधु ने अधिकारियों को परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड योजना पर जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए। सचिवालय में हुई बैठक में सीएस ने कहा कि इसमें विभिन्न प्रमाण पत्रों का डाटा होगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सबसे पहले हरियाणा में परिवार पहचान पत्र योजना शुरू की गई थी। जहां हर परिवार को 14 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र जारी किया गया। इस योजना के धरातल पर उतरने के बाद अब उत्तराखंड सरकार भी इसे राज्य में लागू करना चाह रही है। जिसके लिए प्रदेश सरकार ‘परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड’ को अपनी फ्लैगशिप यानी शीर्ष प्राथमिकता वाली योजना में सम्मिलित करने जा रही है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि डाटा कलेक्शन में गलतियों की कोई गुंजाइश न रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। कहा कि परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने की कार्यवाही की जाए।  रिपोर्टस की माने तो इस योजना को स्वास्थ्य विभाग की आयुष्मान कार्ड व गोल्डन हेल्थ कार्ड योजना के साथ ही खाद्य, पंचायतीराज, राजस्व, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से सीधे जोड़ा जाएगा।
ये विभाग डाटा उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी नामित करेंगे। साथ में उत्तराखंड में परिवार पहचान पत्र तैयार करने का जिम्मा एनआइसी को सौंपने की तैयारी है। इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद लोगों को अलग से आय, जाति, निवास, दिव्यांग और विकलांग आदि प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी। जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी परिवार पहचान पत्र ही अनिवार्य होगा।

बताया जा रहा है कि हाल ही में मुख्य सचिव एसएस संधु ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को योजना का रोड मैप तैयार कर संबंधित विभागों को टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए थे। योजना में आईटी, नियोजन आदि विभागों को भी शामिल किया गया है। इस योजना का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का उत्तराखंड के परिवारों तक सीधे लाभ पहुंचाना है। ताकि प्रदेश के हर निवासी को सरकारी योजना का लाभ मिल सके। ऐसे में सभी परिवारों के अनिवार्य रूप से विशिष्ट पहचान पत्र बनाए जाने की तैयारी है।