Uttarakhand News: उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरने पर बैठ गए है। बताया जा रहा है कि अंकिता मर्डर केस मामले में हरीश रावत की मांग है कि VIP का नाम बताया जाए जिसकी खूब चर्चा हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार को भी आड़े हाथ लिया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अंकिता भंडारी मर्डर मामले में इंसाफ की मांग को लेकर सोमवार को एक दिवसीय धरने पर बैठे है। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि वनंतरा प्रकरण में बेटी को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले में वीआइपी को लेकर राज्य सरकार के मंत्री का जो बयान आगे आया है, वह भविष्य में मुकदमे को प्रभावित कर सकता है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वनंतरा रिसार्ट की कर्मचारी ने अपनी वाट्सएप चेटिंग में साफ कहा है कि उस पर वीआइपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव था। इस प्रकरण को लेकर उत्तराखंड की जनता में अभी भी कई तरह के संदेह हैं। इसमें वीआइपी की उपस्थिति गंभीर मामला है। इससे रिसार्ट संस्कृति पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा में बैक डोर से नियुक्तियों का मामला यदि अवैध है तो नियुक्ति पाने वाला ही दोषी नहीं है बल्कि नियुक्ति देने और दिलवाने वाला भी बराबर का दोषी है। कमजोर को दंडित करना और अन्य को दंडित नहीं करना यह न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। इस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।