उत्तराखंड में जोशीमठ भू धंसाव को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट पर है। सीएम धामी ने आपात बैठक (uttarakhand cabinet meeting) में कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई है। प्रभावित परिवारों को किराया राशि को 4000 से बढ़ाकर 5000 कर दिया गया है। साथ ही 6 महीने तक बिजली-पानी बिल माफ कर दिया गया है। वहीं, तत्काल राहत देने के लिए दिए जाने वाले डेढ़ लाख रुपये के लिए ₹45 करोड़ जारी करने पर मुहर लगाई गई है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जोशीमठ के विस्थापन के लिए ₹15000 प्रति जानवर दिए जाएंगे। बड़े पशु के चारे के लिए प्रतिदिन ₹80 और छोटे पशुओं के लिए सम्बन्धित व्यक्तियों को प्रतिदिन ₹45 दिया जाएगा। नवंबर महीने से अगले 6 महीने तक के लिए बिजली पानी के बिल को माफ किया गया।वहीं, प्रभावित परिवारों को दिया जाने वाला किराया भी बढ़ाया गया है। पुनर्वास को लेकर कोटि फार्म, पीपलकोटी, गौचर, ढाक और एक अन्य स्थान को चिन्हित किया गया।
वहीं राहत शिविरों को लेकर मानक तय, वास्तविक रेंट या 950 रुपए प्रतिदिन अधिकतम तय किया गया। 450 रुपए खाने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन तय किया गया। बताया जा रहा है कि भारत सरकार से एक सप्ताह के भीतर संभावित मांग भेजी जाएगी विस्थापित परिवारों को जिंदगी बसर के लिए एसडीआरएफ की गाइडलाइन के अनुसार परिवार के दो व्यक्ति को मनरेगा के नियमानुसार मजदूरी दी जाएगी।
जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के संबंध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाए और अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए। वहीं प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखंड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।