उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले के मामले में बड़ा अपडेट आ रहा है। मामले की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के विशेष याचिका को निरस्त कर दिया। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के फैसले पर मुहर लगा दी है। जिससे बर्खास्त कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार विधानसभा भर्ती घोटाले में बर्खास्त किए गए कर्मचारियों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन यहां से भी कर्मियों को निराशा हाथ लगी है। बताया जा रहा है कि याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।
आपको बता दें किविधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों का मामला इसी वर्ष अगस्त में चर्चाओं में आया था। मामले ने तूल पकड़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 2012 के बाद नियुक्त किए गए कर्मचारियों के संबंध में पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। विधानसभा अध्यक्ष ने जांच कर इन सभी 228 कर्मचारियों की सेवाएं बर्खास्त करने का आदेश दिया था।
आदेश के विरोध में कर्मियों ने आंदोलन किया और हाईकोर्ट में कर्मचारियों द्वारा चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को ठहराया था। जिसके बाद कर्मी सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी विस अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराया है।
बताया जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच हुई है जिनको नियमित किया जा चुका है। याचिकाओं में कहा गया था कि 2014 तक तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई लेकिन उन्हें छह वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया और अब उन्हें हटा दिया गया।