उत्तराखंड में अब आम आदमी भी सरकारी विद्यालयों को गोद ले सकेंगे। इसके लिए धामी सरकार द्वारा कवायद तेज कर दी है। शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए नीति बनाई जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद हालत नहीं सुधर रही है। ऐसे में अब इन सरकारी स्कूलों को गोद देने की तैयारी की जा रही है। आइए जानते है क्या है विभाग का प्लान…
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी सरकारी स्कूलों को गोद देने के लिए निति बनाने की कवायद तेज हो गई है। इस नीति के तहत बताया जा रहा है कि कोई भी आम इंसान सामर्थ्यवान सरकारी स्कूल को गोद ले सकेंगे। विद्यालयों को गोद लेने के साथ ही उसमें बच्चों को पढ़ने लिखने की सामग्री भी दे सकेंगे। इतना यही नहीं वह अपने माता पिता या किसी अन्य स्वजन के नाम पर इन स्कूलों का नामकरण भी कर सकेंगे। इसके बदले संबंधित को स्कूल पर आने वाले कुछ खर्च वहन करने होंगे।
बता दें कि प्रदेश के 16501 सरकारी स्कूलों में से कई स्कूल जर्जर हो चुके हैं। कई में बिजली, पानी सहित अन्य जरूरी सुविधाओं का अभाव है। यह हाल तब है, जबकि बेसिक, जूनियर और माध्यमिक शिक्षा का वार्षिक बजट 10 हजार करोड़ का है। इसमें 1100 करोड़ रुपये हर साल केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिए जा रहे हैं। इतने खर्च के बाद भी स्कूलों की हालत नहीं सुदऱ रही है। विभाग की ओर से इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे कैबिनेट में लाया जाएगा।