उत्तराखंड में जहां पहाड़ पर बारिश का कहर है। तो वहीं निचले इलाकों में बाढ़ जैसै हालात है। खेत-खलिहान से लेकर सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। हरिद्वार जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बताया जा रहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य के लिए पुलिस, आर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 16 टीमें लगाई हैैं। जबकि हेलिकॉप्टर से लगातार राहत सामग्री पहुंचाने काम जारी है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार लक्सर और खानपुर में बाढ़ ने लगातार कहर बरपा रखा है। जिससे जनहानि भी हुई है। क्षेत्र में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है।प्रभावित परिवारों को पंचायत घरों, सामुदायिक केन्द्रों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में ठहराया गया है, जहां उनके भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
बताया जा रहा है कि बाढ़ के कारण लोनिवि के 15 मार्ग बाधित हुए हैं। इसके अलावा एक राज्य मार्ग, एक जिला मार्ग, आठ ग्रामीण मार्ग भी बाधित हैं। जिसके चलते कई गांवों का संपर्क कस्बे से कट गया है। जहां पर लगातार राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हरिद्वार से अब तक हेलीकॉप्टर से दस चक्करों के जरिए राहत सामग्री भी भेजी गई है।
वहीं बताया जा रहा है कि लक्सर के ग्राम हबीबपपुर कुंडी में सतपाल, ग्राम बसेडी खादर में वाल्मीकि कॉलोनी निवासी अजय कुमार की डूबने से मौत हुई है। जबकि तहसील रुडकी में सात वर्षीय अलीउसा की दीवार गिरने से मौत हुई है। वहीं लक्सर के रायसी के पास नदी में पैर फिसलने से 18 साल के युवक की मौत हुई है।
बताया जा रहा है कि नदियों में पानी आने से बिजली के पोल तार सहित पानी में बह गए। कई जगह ट्रांसफार्मर फुंक गए तो कई जगह मलबे में दब गए हैं। बीईजी से 77 जवान और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की कुल 16 टीमें लगाई गई हैं। इसके अलावा आपदा मित्र ग्रामीण, स्वयंसेवकों, सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी सहयोग किया जा रहा है।