उत्तराखंड में ड्रोन उड़ाने को लेकर नीति तैयार की गई है। धामी कैबिनेट ने ड्रोन नीति को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि इस नीति से जहां रोजगार बढ़ने की उम्मीद हैं वहीं सरकार ने इसके लिए एक हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है। साथ ही राज्य में ड्रोन निर्माण, ड्रोन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है। आइए जानते है इसके बारें में पूरी डिटेल्स…
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति के जरिये सरकार ने प्रदेश में निर्माण व सेवा क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पांच हजार रोजगार और पांच हजार ड्रोन पायलट के स्वरोजगार की भी उम्मीद जताई है। नीति में ड्रोन निर्माण व सेवा के क्षेत्र में निवेश करने वालों को एक करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
बताया जा रहा है कि ड्रोन निर्माण उद्योग में 500 करोड़ व ड्रोन सर्विस क्षेत्र में 500 करोड़ निवेश होगा। वार्षिक राजस्व 500 करोड़ का होगा। इससे 5000 रोजगार सृजित होंगे। 5000 सर्टिफाइड ड्रोन पायलट तैयार होंगे। इस नीति में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 में लागू की गई ड्रोन नियमावली को शामिल किया गया है। इसमें ड्रोन का इस्तेमाल सामरिक, स्वास्थ्य व सेवा क्षेत्र में करने के बिंदु समाहित किए गए हैं। ड्रोन सर्विस से जुड़े उद्योगों पर भी पहले साल अधिकतम 10 लाख, दूसरे साल 7.5 लाख और तीसरे साल अधिकतम पांच लाख की सब्सिडी दी जाएगी।
वहीं बताया जा रहा है कि स्टार्टअप नीति के तहत 200 करोड़ के वेंचर फंड में से 15 प्रतिशत राशि ड्रोन से जुड़े निर्माण या सर्विस क्षेत्र के स्टार्टअप को दिए जाएंगे। नीति में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 10 सदस्य राज्य ड्रोन समिति का गठन प्रस्तावित किया गया है, जिसमें सचिव सूचना प्रौद्योगिकी सदस्य सचिव की भूमिका में रहेंगे। इसमें सचिव आईटी, सचिव वित्त, सचिव नियोजन, सचिव गृह, यूकाडा के सीईओ, आईटीडीए निदेशक, ड्रोन इंप्लीमेंटेशन के राज्य ऑफिसर बतौर सदस्य शामिल होंगे।