देहरादून (महानाद): राजपुर थाना पुलिस ने एक पति-पत्नी को होटलों में देह व्यापार के लिए लड़कियों की सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
मामले में जानकारी देते हुए प्रभारी उपनिरीक्षक थाना राजपुर मनमोहन सिंह नेगी ने बताया कि वे पुलिस बल के साथ क्षेत्र में गश्त कर रहे थे कि जाखन क्षेत्र में मसूरी डायवर्जन पर एक मुखबिर ने सूचना दी कि एक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ काफी समय से देहरादून क्षेत्र में अलग-अलग जगहों से लड़कियों को लाकर देह व्यापार हेतु मसूरी के अलग-अलग होटलों में सप्लाई कर रहा है। व्यक्ति का नाम संदीप अग्रवाल है जो आज भी सहस्त्रधारा क्षेत्र से 2 लड़कियों को देह व्यापार हेतु मसूरी ले कर जा रहा है।
सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बैरियर लगाकर वाहनों की चैकिंग शुरु कर दी। चैकिंग के दौरान उन्होंने मुखबिर द्वारा बताई गई कार को रोककर चैक किया तो वाहन चालक सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम सन्दीप अग्रवाल पुत्र स्व. राम धन अग्रवाल निवासी भगत सिंह चौक, वाटर वर्क्स कॉलोनी, रानीपुर मोड़, हरिद्वार हाल निवासी पैसेफिक गोल्फ स्टेट, सहस्त्रधारा रोड थाना राजपुर देहरादून बतायाहरिद्वार के पति-पत्नी होटलों में करते थे लड़कियों की सप्लाई, पुलिस ने किया गिरफ्तार साथ में उसकी पत्नी तथा दो युवतियां बैठी थीं। उनमें से एक यवुती नजीबाबाद तथा देसरी चकराता की थी। सख्ती से पूछताछ करने पर कार चालक संदीप अग्रवाल ने बताया कि वह और उसकी पत्नी देहरादून के अलग अलग क्षेत्रों में देह व्यापार के लिए महिलाओं को सप्लाई करने का काम करते हैं। उसने बताया कि कार में बैठी दोनों युवतियों को वे मसूरी ले जा रहे थे।
पूछताछ करने पर दोनों युवतियों ने बताया कि वे अपनी गरीबी और मजबूरी के कारण वह अवैध कार्य कर रही थीं।
प्रभारी उपनिरीक्षक मनमोहन सिंह ने बताया कि दोनों पति- पत्नी पिछले काफी समय से देह व्यापार का धंधा कर रहे हैं। यह लोग फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों से सम्पर्क करते थे और डिमांड के अनुसार बाहर से लड़कियां बुला कर अवैध देह व्यापार का धंधा चलाते थे। यह लोग एक स्थान पर 6-7 महीने से ज्यादा किराये पर नहीं रहते ताकि आसपास के लोगों को इन पर ज्यादा शक ना हो।
पुलिस ने पति-पत्नी दोनों के खिलाफ धारा 370 आईपीसी तथा अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम की धारा 4,5 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
धारा 370 – किसी व्यक्ति को दास के रूप में खरीदना या निपटाना।
जो कोई भी किसी व्यक्ति को गुलाम के रूप में आयात, निर्यात, हटाता, खरीदता, बेचता या निपटान करता है, या स्वीकार करता है, प्राप्त करता है या किसी व्यक्ति को गुलाम के रूप में अपनी इच्छा के विरुद्ध हिरासत में लेता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जो सात तक हो सकता है। और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।
धारा 4 – वेश्यावृत्ति से अर्जित आय पर जीवन निर्वाह हेतु दंड
इस प्रकार का जीवन निर्वाह करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान इस अधिनियम के अंतर्गत कर दिया गया है।
धारा 5 – अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 5 -व्यक्ति को वेश्यावृत्ति के लिए उपाप्त करना, उत्प्रेरित करना या ले जाना-
(1) कोई व्यक्ति जो- (क) किसी 4ख्व्यक्ति, को चाहे उसकी सम्मति से या उसके बिना वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए उपाप्त करेगा या उपाप्त करने का प्रयत्न करेगा
(ख) किसी व्यक्ति, को किसी स्थान से जाने के लिए इस आशय से उत्प्रेरित करेगा कि वह वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए किसी वेश्यागृह का अन्तःवासी हो जाए या उसमें प्रायः जाता रहे या
(ग) किसी व्यक्ति, को इस दृष्टि से कि वह वेश्यावृत्ति करे या वेश्यावृत्ति करने के लिए उसका पालन-पोषण किया जाए एक स्थान से दूसरे स्थान को ले जाएगा या ले जाने का प्रयत्न करेगा या लिवाएगा या
(घ) किसी यक्ति, से वेश्यावृत्ति कराएगा या कराने के लिए उत्प्ररित करेगा,
दोषसिद्धि पर, तीन वर्ष से अन्यून और सात वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कठोर कारावास से और जुर्माने से भी जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा और यदि इस उपधारा के अधीन अपराध किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध किया जाता है तो सात वर्ष की अवधि के लिए कारावास का दण्ड चौदह वर्ष की अवधि के लिए कारावास तक का होगा।