उत्तराखंड से दुखद खबर आ रही है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक का आज सुबह निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि नैनीताल में कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ नेता किशन सिंह तड़ागी का निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से कांग्रेसियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशन सिंह तड़ागी का 101 वर्ष की आयु में शनिवार (आज) सुबह निधन हो गया। वे पिछले लंबे से अस्वस्थ्य थे और उनका घर पर ही इलाज चल रहा था।उनके निधन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उनके आवास पर पहुंचने लगे है। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। बता दें कि तड़ागी नैनीताल नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके पारिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि तड़ागी नैनीताल नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हें 1985 में दिग्गज नेता केसी पंत व एनडी तिवारी से निकटता की वजह से कांग्रेस का टिकट मिला तो पूर्व मंत्री प्रताप भैय्या को पराजित कर पहली बार कांग्रेस से विधायक चुने गए। 1989 में उक्रांद नेता डॉ एनएस जंतवाल को पराजित कर दूसरी बार विधायक बने। वह पूरे दिन प्रचार में पैदल निकलते थे। जो भी खर्च होता था, आने जाने में होता था।
उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि मेरे पास तो पैसा ही नहीं था। महज चार सौ रुपये में विधायक का चुनाव लड़ा। तब सिद्धांत व विचारधारा की राजनीति होती थी। राजनीति में शुचिता व ईमानदारी का बोलबाला था। जब उन्होंने चुनाव लड़ा तब दल बदलना अच्छा नहीं माना जाता था। जातिवाद हावी नहीं था। तब अविभाजित नैनीताल जिले का भूगोल ओखलकांडा से टनकपुर, काशीपुर तक था। नैनीताल सीट में रामनगर, नैनीताल, भवाली, धारी, ओखलकांडा, रामगढ़, बेतालघाट आदि का विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र था।