महानाद डेस्क : कतर सरकार ने कतर में सजा काट रहे 8 भारतीयों को रिहा कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से 7 भारतीयों की भारत वापसी हो चुकी है। बता दें कि सभी 8 कर्मियों को जासूसी के आरोप में पहले मौत की सजा सुनाई गई थी।
विदित हो कि कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों – कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णंदू तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश को जासूसी के आरोप में सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ भारत सरकार ने अपील दाखिल की थी जिसे कतर की कोर्ट ने मान लिया था।
कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करने वाले इन 8 भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में जासूसी के आरोप गिरफ्तार किया गया था। नौसेना के इन पूर्व कर्मियों को कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुना दी थी। उस समय भारत ने इसे बेहद हैरान करने वाला फैसला करार देते हुए मामले में सभी कानूनी पक्ष तलाशने का वादा भी किया था। दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं। उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया था।
गिरफ्तारी के लगभग 14 महीने बाद 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। फिर भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी।
भारत लौटे नौसेना के पूर्व कर्मियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार का आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए भारत लौटना संभव नहीं होता। भारत सरकार के लगातार प्रयासों के बाद ही हम वापस आ सके हैं।