नई दिल्ली (महानाद) : परिवहन विभाग ने अवैध ई-रिक्शाओं पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। यदि ई-रिक्शा चालक/मालिक अपनी ई-रिक्शा का परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं तो जब्त और गैर-रजिस्टर्ड ई-रिक्शाओं पर 7 दिनों के अंदर बुलडोजर चलाकर उसे कबाड़ कर दिया जायेगा। पहले, इसके लिए 90 दिनों का समय तय किया गया था। लेकिन अवैध ई-रिक्शाओं को 7 दिनों के बाद कबाड़़ किया जा सकता है।
आपको बता दें कि उक्त निर्णय दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया है। यह बैठक शहर को व्यवस्थित करने के उपायों को लेकर की गई थी। एक अनुमान के अनुसार, शहर में 1.2 लाख रजिस्टर्ड ई-रिक्शायें हैं। जबकि वास्तविकता में इनकी संख्या लगभग दोगुनी है। चूंकि अपंजीकृत ई-रिक्शाओं में नंबर प्लेट नहीं होती है, इसलिए इनका ऑनलाइन चालान नहीं किया जा सकता है। इनके चालक ट्रांसपोर्ट नियमों का उल्लंघन करते हैं। वहीं, उन रूटों पर चलते हैं जहां उन्हें इसकी इजाजत नहीं है। इससे ट्रैफिक की रफ्तार सुस्त हो जाती है और जा लग जाता है।
परिवहन विभाग ने हाल ही में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में जब्त की गई ई-रिक्शाओं के लिए एक विशेष पिट स्थापित किया है। दिल्ली के बुराड़ी, सराय काले खान और द्वारका में तीन पिट हैं जहां जब्त ई-रिक्शाओं को भेजा जाता है।
आपको बता दें कि ई-रिक्शा लोकल में यात्रा करने के सबसे सस्ते साधनों में से एक हैं। वर्ष 2012 में ये दिल्ली की सड़कों पर चलना शुरू हुए थे और फिर अपनी अनियंत्रित वृद्धि और ट्रैफिक नियमों के प्रति उदासीन रवैये के कारण सड़क पर लोगों के लिए एक प्रमुख परेशानी का कारण बन गए।
एक परिवहन अधिकारी के अनुसार, ई-रिक्शा के खिलाफ प्रमुख शिकायतें ट्रैफिक जाम और लंबे टेल बैक के लिए सड़क पर क्लस्टरिंग, बेतरतीब पार्किंग, सड़क यूज पर प्रतिबंधों का उल्लंघन, यात्रियों की अधिकता और कम उम्र के ड्राइवरों की हैं।