दोस्त ने ही दे दी दगा, नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख ठगा

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : एक दोस्त ने ही दूसरे दोस्त को दगा दे दी और नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपये ठग लिये। एसपी काशीपुर के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

चौधरी डेरी के पास, मौ. टांडा उज्जैन, काशीपुर निवासी अंकित अग्रवाल पुत्र स्व. नरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि
उसके भाई की अग्रवाल मोबाईल रिपेयर के नाम से टाण्डा उज्जैन में दुकान है। जिसमें वह भी सुबह-शाम बैठता रहता है।

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अंकित ने बताया कि उसका सुदेश सिंह पुत्र प्रेम सिंह निवासी बरखेड़ा पाण्डेय, काशीपुर का उसकी दुकान पर शुरू से काफी आना जाना था। एक दिन शाम को सुदेश सिंह उसकी दुकान पर आया और कहने लगा कि तुम्हारी दुकान पर कुछ खास आमदनी नहीं होती है यदि तुम चाहो तो मैं तुम्हारी सरकारी नौकरी लगवा सकता हूँ। मेरी व मेरे दोस्तों की देहरादून में कई विभागों के अधिकारियों से काफी घनिष्ठ सम्बन्ध हैं, तुम्हारा काम पक्का हो जाएगा।

जिसके बाद सुदेश सिंह अपने दोस्त कमल सिंह को साथ लेकर आया और उससे कहा कि ये तुम्हारी नौकरी लगवा देगें। इन्हीं की उपर तक सेटिंग है। जिसके बाद कमल सिंह ने उससे कहा कि इस समय उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लि. देहरादून में कार्यालय सहायक ग्रेड-3 की भर्ती निकली हुई है। इस काम में लगभग 6 लाख रूपये लग जायेंगे। तुम थोड़े-थोड़े रुपये करके दे देना।

इसके बाद उसने कमल सिंह के बताये गए रनवीर सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह के खाते में गूगल पे के माध्यम से दिनाक 08.09.2022 को दो बार में 25,000 रुपये – 25,000 रुपये तथा अपने दोस्त सौरभ अग्रवाल से 4 लाख रुपये उधार लेकर नगद कमल सिंह को दे दिए। जिसके बाद कमल सिंह ने कहा कि तुम्हें बहुत जल्द ही ज्वॉइनिंग लेटर मिल जायेगा।

अंकित ने बताया कि इसके बाद दिनांक 15.10.2022 को कमल सिंह अपने साथ रनवीर सिंह को लेकर दुकान पर आया और एक ज्वॉइनिंग लेटर जो कि यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक संदीप सिंघल द्वारा हस्ताक्षरित कर जारी किया गया उसे दे दिया और विश्वास दिलाते हुए कहा कि तुम्हारी नियुक्ति हमने इस विभाग में कार्यालय सहायक ग्रेड-3 के पद पर करा दी है। तुम कभी भी जाकर ज्वॉइनिंग कर लेना। लेकिन इन सब में हमें विभाग में कुछ अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते है, जिसके लिए हमें अभी भी लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये की और जरूरत है, क्योंकि बड़े अधिकारी अन्य किसी की नियुक्ति करने के लिए पैसे ले चुके हैं। हम उनसे ज्यादा पैसे देगें तो हमारा काम हो जाएगा।

इसके बाद उसने दिनांक 02.11.2022 को 25,000 रुपये व 03.11.2022 को 25,000 रुपये उक्त रनवीर सिंह के खाते में गूगल पे से डाल दिए। इसके बाद दिनांक 18.11.2023 को उक्त रनवीर सिंह का फोन आया कि आज ही 50,000 रुपये अभी खाते मे डाल दो, कल आकर विभाग में अपनी ज्वाइनिंग कर लेना। जिस पर उसने रनवीर के खाते में 49,500/- रुपये गूगल पे के माध्यम से डाल दिए।

अंकित ने बताया कि इसके बाद वह जब विभाग में गया तो वहां मौजूद अधिकारी ने उक्त नियुक्ति पत्र को देखते हुए कहा कि ये पूरी तरह से फर्जी नियुक्ति पत्र है। हमारे यहां न तो वैकेन्सी थी और न ही कोई भर्ती हुई है, आप किसी जालसाजी के शिकार हो गए हो। इसके बाद जब उसने रनवीर सिंह को फोन मिलाया तो उसने फोन नहीं उठाया और न ही कोई जबाव दिया। जब उसने यह बात अपने दोस्त सुदेश सिंह को बतायी तो उक्त सुदेश सिंह व कमल सिंह भी पैसे लेने वाली बात से मुकर गए और उल्टा उसके साथ अमादा फौजादारी हो गए।

अंकित ने एसपी से उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उसके पैसे वापिस दिलाने की मांग की है। एसपी के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने उक्त तीनों लोगों के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई कंचन कुमार के सुपुर्द की है।

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