दून में डेंगू के साथ चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस भी मरीजों को परेशान कर रहा है। अस्पताल में लंबी लाइने है तो वहीं डेंगू, स्क्रबटाइफस के बाद अब बच्चे गलसुआ (मम्प्स) बीमारी की चपेट में आ रहे है। बताया जा रहा है कि दून अस्पताल के बाल रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना पांच से छह बच्चे इस बीमारी के आ रहे हैं। ऐसे में इसके बचने की अपील की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार दून अस्पताल में रोजाना कई बच्चे गर्दन एवं जबड़े के हिस्से में सूजन के साथ बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। बीते रोज बैक्टीरियल इंफेक्शन एवं पस पड़ने की वजह से तीन बच्चों को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ा है। बताया जा रहा है कि गलसुआ (मम्प्स) की बीमारी गर्दन और जबड़े के हिस्से में अचानक सूजन आने के कारण होती है जिसमें बेहद दर्द महसूस होता है।
आमतौर पर ये बीमारी पानी में बदलाव और शरीर का तापमान असंतुलित हो जाने से होती है। बच्चों में यह बीमारी एक विशेष प्रकार के वायरस के कारण फैलती है जिसमें कान के नीचे गले की विशेष ग्रंथी प्रभावित होती है, जिसके कारण कान के नीचे सूजन आ जाने से बहुत दर्द होता है। जो डॉक्टरों के मंहगे उपचार के बाद भी धीरे-धीरे ही ठीक हो पाती है।
ये हैं लक्षण
सूजन, बुखार, गले में खराश, निगलने में दिक्कत, खाना चबाने में दर्द आदि ।
रखें सावधानी
- बच्चे को आइसोलेशन में रखें।
- साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- खूब पानी पिलाएं और ताजा खाना खिलाएं।
- सूजन बढ़ने या बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाएं।