कानपुर (महानाद): नगर में एक सिपाही द्वारा अपनी भतीजी के साथ मिलकर 6 व्यापारियों को हनी ट्रैप में फंसाकर लूटने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने सिपाही को बर्खास्त कर दिया है।
हनी ट्रैप के मामले में बर्खास्त सिपाही रवींद्र राजपूत चार युवतियों की मदद से सरकारी कर्मचारियों और कारोबारियों को फंसाकर लाखों रुपये वसूलता था। इसका खुलासा एडीजी जोन की जांच में हुआ। उसकी गिरोह में शामिल एक युवती का कार्बाइन के साथ फोटो और ऑडियो भी वायरल हुआ है।
बता दें कि केशवपुरम, आवास विकास निवासी बिल्डिंग मैटेरियल कारोबारी हरिश्चंद्र पांडेय पर महोबा के श्यावन निवासी एक युवती ने रेप का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था जिस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद उन्होंले युवती की खोजबीन शुरू की तो पता चला कि युवती एक हनी ट्रैप गिरोह की सदस्य है, जो सरकारी कर्मचारियों और व्यापारियों को झांसे में लेकर छेड़खानी और रेप का आरोप लगाते हुए ब्लैकमेल करती है। गिरोह का सरगना यूपी पुलिस में तैनात एक सिपाही रवींद्र सिंह राजपूत है। उसके गिरोह में तीन अन्य युवतियों के अलावा दो युवक इंद्रपाल और पुष्पेंद्र राजावत भी शामिल हैं।
इसके बाद हरिश्चंद्र पाण्डेय ने मामले की शिकायत एडीजी जोन भानु भाष्कर से की थी। जांच में सिपाही रवींद्र की भूमिका पाये जाने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई और तत्कालीन एसपी ललितपुर निखिल पाठक ने उसे बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त सिपाही रवींद्र कुमार व उसके साथियों के खिलाफ कल्याणपुर थाने में भी रंगदारी मांगने की धारा में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। एडीजी की जांच में पता चला कि बर्खास्त सिपाही के खिलाफ ऐसे 9 मामले प्रकाश में आए हैं। ऐसे ही एक मामले में वह छतरपुर में जेल जा चुका है।
पाण्डेय ने बताया कि सिपाही ने उससे पहले दोस्ती की और फिर मौरंग के लिए 2.5 लाख रुपये एडवांस में ले लिया। पैसा मांगने पर उसने अपनी भतीजी को उसके सामने करके हनीट्रैप के जाल में उलझा दिया। युवती ने उसे कई बिल्डरों को मौरंग सप्लाई का ऑर्डर दिलवाने के नाम पर एक होटल में बुलाया था। वहां युवती की हरकतें देखकर वह रिसेप्शसन के पास से ही बाहर निकलकर भाग गया। इसके बाद कविता (बदला हुआ नाम) ने उसके ऊपर आरोप लगाया कि तुमने मेरे साथ गलत किया है और फिर अपने सिपाही चाचा की मदद से उसने कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी जिस पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद कविता और उसका सिपाही चाचा उसकी पत्नी से समझौते के नाम पर 50 लाख रुपये की डिमांड करने लगे। तीन महीने बाद जब पाण्डेय व्जेल से छूटकर आये तो उसने चाचा-भतीजी की कुंडली खंगाली तो पता चला कि इन दोनों ने कई जगह हनी ट्रैप करके कई बिल्डरों और अधिकारियों को फंसाकर उनपर रेप जैसी धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करवाया और उनसे लाखों रूपये एंठ लिये।
मामले में जानकारी देते हुए एसीपी कल्याणपुर विशाल पांडेय ने बताया कि कल्याणपुर थाने के रहने वाले एक व्यापारी ने सिपाही और उसकी भतीजी के गैंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। जांच के बाद सिपाही को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और केस में चार्जशीट अदालत में लगा दी गई है, आगे की कार्रवाई की जा रही है।