देहरादून/नैनीताल (महानाद) : प्रशासन ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर से चारधाम यात्रा शुरू करने की संभावना तलाशनी शुरु कर दी है। नैनीताल जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने प्रारंभिक सर्वे का काम करने के साथ ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में लगातार बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रा में भीड़ के दबाव को कम करने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश की जा रही है। इसी को देखते हुए कुछ ििदनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामनगर से चारधाम यात्रा की संभावना को तलाशने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे। जिसके बाद नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना के निर्देश पर प्रशासन और परिवहन विभाग की टीम ने रामनगर से कर्णप्रयाग तक का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर ली है।
रिपोर्ट के अनुसार रामनगर से मोहान मौलेखाल-भिकियासैण, चौखुटिया-गैरसैण और कर्णप्रयाग होते हुए चारधाम यात्रा की जा सकती है। पहले भी लोग इस मार्ग से जाते रहते थे। लेकिन यह मार्ग सिंगल लेन है। इसमें ज्यादा वाहनों का संचालन खतरनाक साबित हो सकता है। इस मार्ग पर 1 दिन में 150 बसों और 300 छोटे वाहनों को चलाया जा सकता है। वाहनों को खड़ा करने के लिए रामनगर की सिंचाई विभाग और डिग्री कालेज की भूमि इस्तेमाल की जा सकती है।
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार यात्रा शुरू करने से पहले कई सुविधाओं को जुटाना होगा। कोई यात्री इस मार्ग में रुकना चाहता है तो उसके रुकने की व्यवस्था बनानी होगी। मार्ग पर धर्मशालाओं, होटलों व शौचालयों आदि की काफी कमी है। मार्ग में श्रद्धालुओं के भोजन आदि की व्यवस्था के साथ वाहनों को ठीक करने के लिए गैराज/वर्कशॉप आदि की व्यवस्था भी करनी होगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा मार्ग पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए रामनगर वाले मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें चारधाम यात्रा से वापस लौट रहे दिल्ली, यूपी वाले वाहनों को निकाला जा सकता है। कर्णप्रयाग से करीब पांच घंटे में श्रद्धालु वाहन से रामनगर पहुंच सकते हैं। इसके बाद वे दिल्ली के लिए जा सकते हैं। इस व्यवस्था को शुरू करने में ज्यादा समस्या नहीं है।
कुमाऊं से चारधाम यात्रा के लिए अधिक संख्या में लोग जाते हैं तो इससे रूट वाले इलाकों में रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ सकेंगी। इस रूट पर आदि बदरी भी है। जहां पर लोग दर्शन भी कर सकेंगे।