अमृतसर (महानाद) : विजिलेंस की टीम ने आय सेअधिक संपत्ति के मामले में पजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी को गिरफ्तार कर लिया।
आपको बता दें कि 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे और चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनने के बाद ओपी सोनी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। ओपी सोनी 1997 से लगातार 5 बार विधायक रह चुके हैं। विजिलेंस ने पहली बार सोनी को 25 नवंबर 2022 को जांच के लिए बुलाया था। 8 महीने तक चली लंबी जांच के बाद रविवार को अमृतसर के विजिलेंस ऑफिस में उनके खिलाफ एंटी करप्शन एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई और तुरंत ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच के दौरान पता चला कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 तक पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी और उनके परिवार ने अपनी इनकम 4.52 करोड़ रुपए बताई जबकि उन्होंने 12.48 करोड़ रुपए खर्च किये थे। उनका खर्च उनकी इनकम से 7.96 करोड़ रुपए ज्यादा था। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी सुमन सोनी और बेटे राघव सोनी के नाम पर संपत्तियां खरीदीं।
आपको बता दें कि ओपी सोनी 1991 में अमृतसर के पहले मेयर बने थे। वे पंजाब कांग्रेस पब्लिक कमेटी के महासचिव और 2 वर्ष तक ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर के चेयरमैन भी रह चुके हैं। सोनी विधानसभा में पब्लिक अकाउंट कमेटी के सदस्य और 2017-18 में पंजाब विधानसभा के लोकल बॉडीज और कमेटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद सोनी पर सैनिटाइजर घोटाले के आरोप लगे थे। जिसमें कहा गया था कि स्वास्थ्य विभाग ने महंगे दामों पर सैनिटाइजर खरीदे। राज्य चुनाव आयोग ने पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पाेरेशन के माध्यम से जो सैनिटाइजर खरीदा था वह उनके द्वारा खरीदे गये सैनिटाइजर से सस्ता था। चुनाव आयोग के लिए 1.80 लाख बोतलें 54.54 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से खरीदी गईं थीं, वहीं सेहत विभाग ने उक्त कीमत से तीन गुना कीमत पर 160 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से सैनिटाइजर की खरीद की।
आप विधायक कुंवर विजय प्रताप ने विधानसभा में पंजाब के तीन सर्किट हाउस का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाए थे कि कांग्रेसनीत कैप्टन सरकार ने अमृतसर, लुधियाना और जालंधर के सर्किट हाउस पीपीपी मोड पर दे दिए थे। इन सर्किट हाउस की देखरेख की जिम्मेदारी चमन लाल एंड संस, सर्व एलायंस हॉस्पिटिलिटी और सरोवर होटल अमृतसर को दी गई थी। कुंवर का आरोप है कि इनमें से 2 कंपनियां ओपी सोनी के रिश्तेदारों की हैं।