लखनऊ (महानाद) : यूपी की योगी सरकार ने हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। उक्त उतपादों के निर्यात को प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा गया है। यूपी फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) की कमिश्नर तथा अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने शनिवार को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है।
आपको बता दें कि शनिवार को हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अनावश्यक रूप से धन उगाही करने के आरोप में चेन्नई की हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की जमीयत उलमा हिंद हलाल ट्रस्ट, हलाल काउंसलिंग ऑफ इंडिया और मुंबई की जमीयत उलमा संगठनों के साथ-साथ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाते हुए कहा गया था कि हलाल प्रमाणीकरण के नाम पर विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके जरिए प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल राष्ट्र-विरोधी, अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों की फंडिंग के लिए किया जा रहा है।
मामला संज्ञान में आने के बाद योगी सरकार ने डेयरी आइटम, चीनी, बेकरी उत्पाद, पेपरमिंट ऑयल, पेय पदार्थ, खाद्य तेल, कुछ दवाएं, चिकित्सा उपकरण और कॉस्मेटिक उत्पादों जैसे उत्पादों को हलाल सर्टिफिकेशन के साथ लेबल किए जाने को गंभीरता से लेते हुए बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश के भीतर हलाल प्रमाणित दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, खाद्य सामग्रियों और सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन, भंडारण, वितरण, खरीद और बिक्री में लगे किसी व्यक्ति या फर्म के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हलाल प्रमाणीकरण एक समानांतर प्रणाली के रूप में काम कर रहा है और यह खाद्य गुणवत्ता के संबंध में भ्रम पैदा करता है, इस संबंध में सरकारी नियमों का उल्लंघन करता है।श्
एफएसडीए की कमिश्नर अनीता सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से राज्य में हलाल प्रमाणित उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। केवल निर्यात उत्पादों को इस प्रतिबंध से छूट दी जाएगी।
अनीता सिंह ने कहा कि पहले, हलाल प्रमाणीकरण केवल मांस उत्पादों तक ही सीमित था। लेकिन आज तेल, चीनी, टूथपेस्ट और मसालों जैसे सभी प्रकार के उत्पादों को हलाल प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। भारत में खाद्य उत्पादों के प्रमाणीकरण से संबंधित सभी अधिनियमों को खत्म किया जा चुका है और इसके लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) को एकमात्र आधिकारिक निकाय के रूप में मान्यता दी गई है। एफएसएसएआई को छोड़कर, अन्य कोई भी एजेंसी या निकाय उत्पादों को प्रमाणपत्र जारी नहीं कर सकता।
क्या है हलाल सर्टिफिकेशन?
बता दें कि हलाल प्रमाणीकरण इस बात की गारंटी है कि उत्पाद इस्लामी कानून के अनुसार तैयार किया गया है और मिलावट रहित है। भारत में, हलाल प्रमाणपत्र जारी करने के लिए किसी संस्था को इसकी मान्यता प्राप्त नहीं है। केवल अरब देशों में एक मजिस्ट्रेट हलाल प्रमाणपत्र जारी करता है। भारत में, सिर्फ FSSAI और ISI जैसी सरकार द्वारा संचालित संस्थाएं ही खाद्य उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत हैं।
आपको बता दें कि अप्रैल 2022 में वकील विभोर आनंद ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हलाल उत्पादों और हलाल प्रमाणीकरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों का उपयोग करने वाली मात्र 15 प्रतिशत आबादी के लिए 85 प्रतिशतः? नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। आनंद ने सुप्रीम कोर्ट से बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बाजार से अपने सभी हलाल-प्रमाणित उत्पादों को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ‘हलाल’ प्रमाणीकरण पहली बार 1974 में वध किए गए मांस के लिए पेश किया गया था और 1993 तक केवल मांस उत्पादों पर ही लागू था।