बड़ी कामयाबी : फौजी गैंग का सरगना तीन साथियों के साथ गिरफ्तार, लूट का माल बरामद

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देहरादून (महानाद) : पुलिस ने जनपद देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले फौजी गिरोह के सरगना को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूट व चोरी की घटनाओं से सम्बन्धित ज्वैलरी व नगदी बरामद की है।

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि दिनाँक 01-07-2022 को ग्राम तिलवाड़ी, थाना सेलाकुई, जनपद देहरादून निवासी गीता राम उर्फ बबलू पुत्र नाथी राम ने तहरीर देकर बताया था कि 30-06-2022 को वह तथा उनका भाई राजन परिवार सहित अपनी रिश्तेदारी में गये थे। 1-7-2022 को जब वे अपने घर वापस आये तो घर का ताला टूटा हुआ था तथा घर के अन्दर से अज्ञात चोरों द्वारा नगदी, ज्वैलरी व अन्य सामान चोरी कर लिया था। साथ ही उनके पडोस में रहने वाले रामशरण के घर में भी अज्ञात चोरों द्वारा उसी रात चोरी की घटना को अंजाम देते हुए नगदी, ज्वैलरी व अन्य सामान चोरी किया गया था।

वहीं दिनांकरू 02-07-2022 को अरगड़ा, नई बस्ती, गोरखपुर, थाना बसन्त निवासी सीमा पुत्री रामतीरथ ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 2-7-2022 की सुबह तीन व्यक्तियों, जिन्होंने अपने मुंह तथा सर पर कपड़ा लपेटा हुआ था, के द्वारा उनके घर में घुसकर कपड़े के अन्दर लपेटे हथियार से गोली मारने की धमकी देते हुए उनके घर में रखे रुपये व अन्य कीमती सामान लूट लिया तथा उक्त व्यक्तियों द्वारा उनके पड़ोसी नितिन कुमार के घर में भी चोरी की घटना को अंजाम देते हुए पास ही स्थित एक और घर में चोरी का प्रयास किया गया।

वहीं, बचना देवी पत्नी स्व. सुदंरमणी भट्ट निवासी सभावाला, सहसपुर ने बताया कि 4-7-2022 को वह किसी काम से बाहर गयी थी, जब वह वापस आयी तो उनके घर का ताला टूटा हुआ था तथा अलमारी में रखी चांदी की ज्वैलरी को अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया था।

दिनांक 9-7-2022 को शिव सिंह रावत पुत्र केएस रावत निवासी रतनपुर नयागांव, पटेलनगर ने बताया कि 9-7-2022 को रात्रि में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उनके विद्यालय दून युधिष्टरा पब्लिक स्कूल में घुसकर चोरी का प्रयास किया तथा कार्यालय में रखी फाइलों को खुर्द-बुर्द कर दिया।

जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हुई लूट व चोरी की घटनाओं की गम्भीरता के दृष्टिगत एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर द्वारा घटनाओं के अनावरण हेतु पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल व एसपी ग्रामीण कमलेश उपाध्याय को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया। गठित पुलिस टीमों द्वारा घटना में संलिप्त अभियुक्तों की तलाश हेतु घटना स्थलों व उनके आस-पास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का अवलोकन करते हुए सर्विलांस के माध्यम से अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी। साथ ही अभियुक्तों द्वारा घटना को अजांम देने में अपनाई जा रही मोडस आपरेन्डी के सम्बन्ध में स्थानीय मुखबिरों को जानकारी देते हुए उन्हें सक्रिय किया गया तथा पूर्व में इस प्रकार की मोडस आपरेन्डी से घटनाओं को अंजाम देने वाले संगठित गिरोहों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी।

पुलिस टीम द्वारा विभिन्न घटना स्थलों व उसके आस-पास के क्षेत्रों के लगभग 450 सीसीटीवी कैमरों को चैक किया गया तथा सर्विलांस के माध्यम से संदिग्ध नम्बरों की जानकारी हेतु घटना स्थल व उसके आस-पास के डम्प डाटा को एकत्रित कर उसका गहनता से विश्लेषण किया गया, पर पुलिस टीम को कोई ठोस सफलता प्राप्त नहीं हुई। इसी दौरान पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि रुड़की तथा पथरी क्षेत्र में रहने वाले सपेरा जनजाति के व्यक्तियों का एक गिरोह इस प्रकार की मोडस आपरेन्डी को अपनाकर घटनाओं को अंजाम देता है तथा वर्तमान में वह देहरादून तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों में काफी सक्रिय है।

जिस पर तत्काल पुलिस टीम द्वारा रुड़की व उसके आस-पास के क्षेत्रों में जाकर स्थानीय मुखबिरों के माध्यम से उक्त गिरोह के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारी एकत्रित की गयी तो पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि फौजी गिरोह, जिसका सरगना फौजीनाथ उर्फ चिमटी नाम का व्यक्ति है, के द्वारा अपने साथियों गोपीनाथ व अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर विगत दिनों देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हुई लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया है तथा वर्तमान में उक्त गिरोह के सदस्य अपने-अपने घरों से फरार हैं, जो सम्भवतः देहरादून में ही किसी और घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं।

उक्त सूचना से उच्चाधिकारीगणों को अवगत कराते हुए पुलिस टीम द्वारा देहरादून में अभियुक्तों के छिपने के सभी सम्भावित स्थलों पर दबिश दी गयी। इसी बीच मुखबिर के माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले फौजी गिरोह के सदस्य महेन्द्र चौक से नीचे टी-स्टेट के बीच में बने खण्डहर में छुपे हुए हैं, जो सम्भवतः देहरादून में किसी अन्य घटना को अजांम देने की फिराक में हैं। उक्त सूचना पर गठित पुलिस टीमों द्वारा योजना बनाकर टी-स्टेट के बीच स्थित खण्डहर में दबिश दी गयी तो मौके पर खण्डहर के अन्दर पुलिस टीम को चार व्यक्ति मौजूद मिले, जिनसे नाम/पता पूछने पर उनके द्वारा अपना नाम 1. फौजी नाथ उर्फ चिमटी 2. गोपीनाथ 3. गौरव नाथ तथा 4. बुद्दी उर्फ रितिक नाथ निवासीगण घोसीपुरा, सपेरा बस्ती, थाना पथरी, जिला हरिद्वार। बताया गया।

अभियुक्तों की तलाशी लेने पर उनके पास से नगदी, ज्वैलरी तथा अन्य सामान बरामद हुआ। जिसके सम्बन्ध में सख्ती से पूछताछ करने पर उनके द्वारा उक्त माल को देहरादून में बसन्त विहार, सेलाकुई, सहसपुर, प्रेमनगर आदि क्षेत्रों में घरों से लूटना व चोरी करना बताया गया तथा बताया कि जनवरी माह में उनके द्वारा ही प्रेमनगर स्थित निम्बस एकेडमी में रात्रि के समय घुसकर एक व्यक्ति को बन्धक बनाकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार कर बरामद माल को कब्जे में लेकर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

पूछताछ के दौरान गिरोह के सरगना फौजी नाथ ने बताया कि हम सभी सपेरा जनजाति के लोग हैं तथा रुड़की, पथरी व आस-पास के क्षेत्रों में रहते हैं। साँपो का काम बन्द होने के कारण हमारे पास कोई काम धंधा नही रह गया, जिस कारण हम सभी गिरोह बनाकर लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले हम बाबाओं को भेष में शनिदान व भिक्षा वृत्ति के नाम पर लोगों के घरों में जाकर रेकी किया करते थे, उसके पश्चात बस्ती के बाहरी क्षेत्रों में स्थित घरों को चिन्हित कर वापस अपने गन्तव्य को चले जाते थे। घटना को अंजाम देने के दिन योजना के मुताबिक हम दोपहर तीन से चार बजे के बीच अपने गन्तव्य से बस पकड़कर आईएसबीटी देहरादून आते हैं तथा वहां से टैम्पो पकड़कर जिस क्षेत्र में हमें लूट या चोरी की घटना को अंजाम देना होता है, उसके आउटर एरिया तक जाते हैं तथा आस-पास के जंगलो में छिपकर रात होने का इंतेजार करते हैं। रात्रि के समय लगभग 12 से 01 बजे के बीच हम जंगल से बाहर आकर चिन्हित किये गये घरों में लूट तथा चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। जिन घरों में चोरी के दौरान कोई व्यक्ति मौजूद होता है अथवा जाग जाता है, उसे हम अपने पास रखे पेंचकस के पिछले भाग में कपडा लपेटकर पिस्टल होने का एहसास कराते हुए उसे गोली मारने की धमकी देकर उन्हें चुप कराकर घटना को अजाम देते हैं। चिन्हित किये गये क्षेत्र में हम इसी प्रकार दो-तीन घरों में घटनाएं करके वापस जंगल में जाकर छुप जाते हैं तथा प्रातः काल लोगों के मार्निंग वाक के समय उनके साथ अलग-अलग भीड में मिलकर आईएसबीटी तक पहुंचते हैं तथा वहां से पुनः एक साथ अपने गन्तव्य को चले जाते हैं।

घटना को अंजाम देते समय हम जो आलानकब अपने साथ ले जाते हैं उसे घटना के बाद वापसी में जंगल में ही फेंक देते हैं, जिससे कि कोई हम पर शक न कर सके। घटना के समय हम मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तथा जिस क्षेत्र में हमें घटना करनी होती है वहां भी हम मुख्य बाजारों से दूर ऐसे सुनसान स्थान पर, जहां पर सीसीटीवी कैमरे न लगे हों, वहां उतरते हैं और जंगल में चले जाते हैं। हमारे द्वारा पूर्व में देहरादून के विभिन्न स्थानों से चोरी की गयी ज्वैलरी को हरिद्वार व अन्य जगहों पर ज्वैलर्स को बेचने का प्रयास किया गया था परन्तु हर जगह हमसे हमारी आईडी मांगे जाने पर हम उसे बेच नहीं पाये। आज भी हम देहरादून में लूट/चोरी की घटना को अंजाम देने के लिये आये थे, योजना के मुताबिक हमें आज घटना को अंजाम देने के पश्चात पूर्व में लूटी गयी ज्वैलरी को साथ लेकर देहरादून से यमुनानगर, हरियाणा जाना था, पर उससे पूर्व ही पुलिस द्वारा हमें गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस टीम में थानाध्यक्ष सेलाकुई एसआई प्रदीप रावत, थानाध्यक्ष बसन्त विहार एसआई विनोद राणा, एसआई विवेक राठी, अजय रावत, प्रवीण सैनी, कां. बृजपाल, त्रेपन सिंह, फरमान, रविन्द्र टम्टा, जितेन्द्र, गौरव।

एसओजी देहात टीम से कां. जितेन्द्र, मनोज, सोनी कुमार, नवनीत नेगी तथा देवेन्द्र नेगी शामिल थे।