देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड में विभिन्न शासकीय कार्यों में जरूरी माने जाने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की व्यवस्था में बदलाव होने वाला है। मुख्य सचिव ने इसके लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है। बताया जा रहा है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों में एकरूपता लाने के लिए सम्बन्धित सभी विभागों द्वारा सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल के माध्यम से ही जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य होने वाला है। सीएस ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र जीओ जारी करने के निर्देश दिए है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में जन्म-मृत्यु पंजीकरण के सम्बन्ध में राज्य अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को जनगणना निदेशालय द्वारा दिए गए सुझावों के अनुपालन के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर भी कई निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल के माध्यम से ही जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। इससे प्रमाण पत्रों में एकरूपता आने के साथ ही यह प्रमाण पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्य होगा, जिससे विदेश जाने हेतु पासपोर्ट वीजा आदि बनवाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। उन्होंने जन्म मृत्यु-पंजीकरण को अपणी सरकार पोर्टल के साथ ही सेवा का अधिकार में भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रमाण पत्रों के अभाव में आमजन को समस्या न हो इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए एसीआर में देर से किए गए केसों को भी अंकित किया जाए। उन्होंने राज्य की अंतर्विभागीय समन्वय समिति के समान मण्डल एवं जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय समिति भी बनाए जाने के निर्देश दिए।