ब्रेकिंग न्यूज : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन

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नई दिल्ली (महानाद) : पूर्व प्रधानमंत्री मनमाहन सिंह का आज निधान हो गया। उन्होंने एम्स दिल्ली में आखिरी सांस ली। वे 92 वर्ष के थे। 26 सितंबर 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने आज 26 दिसंबर 2024 को अपनी देह त्याग दी।

आपका बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमन्त्री थे। लोकसभा चुनाव 2009 में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बने, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला था। डॉ. सिंह को 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है।

डॉ. मनमोहन सिंह की जीवनी –
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था। उनकी माता का नाम अमृत कौर तथा पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। देश के विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार भारत आ गय ाथा। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने पीएच.डी. की। इसके बाद ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल. भी किया था।

डॉ. मनमोहन सिंह की पुस्तक इंडियाज एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डॉ. सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे।

सन 1971 में डॉ. सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके बाद 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

भारत के आर्थिक इतिहास में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डॉ. मनमोहन सिंह 1991-1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया। आम जनमानस में ये साल निश्चित रूप से डॉ. सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डॉ. सिंह के परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियाँ हैं।

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