पूर्व विधायक और व्यापारी की तहरीर पर मुकदमे दर्ज

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रामनगर (महानाद) : कांग्रेस कार्यालय पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में पुलिस ने व्यापारी और पूर्व विधायक की तहरीर के आधार पर मुकदमे दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

रामा मन्दिर मार्ग, रामनगर निवासी नीरज अग्रवाल पुत्र मनमोहन अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनकी एक रिहाइश रानीखेत रोड पर एमपी हिन्दू इन्टर कालेज व पोस्ट ऑफिस के बराबर में स्थित है, जिसमें उनका ऑफिस भी बना हुआ है व कुछ जगह खाली है, जिसमें उनके होटल की लेबर व अन्य स्टाफ भी रहता है, वह भी दिन में वहां आते जाते रहते हैं।

नीरज ने बताया कि पिछले कुछ समय से भुवन शर्मा, महेन्द्र सिंह बिष्ट उर्फ मन्नु उनसे रामनगर में कारोबार करने के एवज में दो लाख रुपये माह की रंगदारी मांग रहे थे, ऐसा न करने पर उन्हें धमकाते थे कि तेरे व तेरे परिवार को खत्म कर देंगे। तू हमारे बारे में नहीं जानता, हमारे गिरोह का सरदार तेरे इकलौते बेटे को रातोंरात गायब करवा देगा।

नीरज ने बताया कि दिनांक 12.05.2025 की सुबह लगभग 10.00 बजे के आसपास वह अपने ऑफिस पर ही बेटे के साथ मौजूद थे। तब कुछ व्यक्ति जिनके नाम रंजीत रावत पूर्व विधायक सल्ट, भुवन शर्मा, महेन्द्र सिंह बिष्ट उर्फ मन्नु, भुवन पाण्डे, सुमित शर्मा (अनुराधा कन्फेक्शनरी), ओम प्रकाश आर्या, बंशी, अतुल सक्सेना आदि कुछ लोग अपने 10-15 गुण्डों के साथ जिन्हें वह देख कर पहचान सकते हैं, उनके गोदाम पर आये, इन लोगों के हाथों में धारदार हथियार भी थे, आकर उन्हें गन्दी गन्दी गालियां देने लगे और दो लाख रुपये महीना रंगदारी न देने पर उन्हें व उनके बेटे को मारने की नीयत से वार करने लगे, जिससे वह बाल-बाल बच गये। वे लोग उनके बेटे को खींचकर गाड़ी में बैठाने का प्रयास करने लगे। और यह कहा कि पैसे दे जाना तो बेटे को ले जाना। इस पर उनकी लेबर व स्टाफ के लोगों ने उन्हें व उनके बेटे को बमुश्किल इन लोगों से बचाया। जाते जाते ये लोग धमकी देते हुए गए हैं कि आज तो तू और तेरा बेटा बच गये हैं, आइन्दा तुझे व तेरे बेटे को नहीं छोड़ेंगे।

नीरज ने कहा कि उक्त घटना से वह बहुत डरे हुए हैं। उन्हें अंदेशा है कि मौका मिलते ही उपरोक्त रंजीत रावत आदि उन्हें व उनके पुत्र तथा परिवार पर हमला कर सकते हैं। उन्होंने उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।

नीरज अग्रवाल की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत, भुवन शर्मा, महेन्द्र सिंह बिष्ट उर्फ मन्नु, भुवन पांडे, सुमित शर्मा, ओमप्रकाशा आर्या, बंशी तथा अतुल सक्सैना के खिलाफ बीएनएस की धारा 190, 191(2), (3), 131, 308(4), 351(2), 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई मनोज सिंह नयाल के सुपुर्द की है।

वहीं, सल्ट के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत पुत्र अनोप सिंह रावत ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि रानीखेत रोड, पोस्ट ऑफिस के पास स्थित एक भवन में उनका कार्यालय वर्ष 2016 से चला आ रहा है, इसी भवन में कांग्रेस कार्यालय भी वर्ष 2016 से ही संचालित है। कल रात्रि में लगभग 08.30 बजे कार्यालय का केयर टेकर तथा कार्यकर्ता कार्यालय बंद कर घर चला गया। आज सुबह लगभग 9 बजे जब कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता कार्यालय आए तो कार्यालय के मुख्य दरवाजे मे ताला नहीं लगा था तथा दरवाजा खोलने का प्रयास करने पर पता चला कि दरवाजा अन्दर से बंद था।

रणजीत रावत ने बताया कि दरवाजा खोलने हेतु आवाज देने पर तथा दरवाजे को दकेलने पर अंदर से गाली गलौच तथा जान से मारने की धमकी अंदर बैठे व्यक्ति द्वारा दी गयी, इसलिए कार्यालय के मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर, कार्यालय में जबरन दाखिल होने, गाली गलौच करने तथा जान से मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति को बंद कर दिया गया। थोड़ी देर में 10-12 पुलिस के सिपाही एवं 2-3 पुलिस के सब इंस्पेक्टर आये। उनके द्वारा उन्हें तथा अन्य कार्यकर्ताओं को मुख्य दरवाजे से हटा दिया गया और कहा गया कि आप सड़क दूसरी तरफ बैठिए।

रणजीत रावत ने बताया कि लगभग 12 बजे रोडवेज बस अड्डे से काशीपुर की ओर जाने वाली एक रोडवेज बस को पुलिसकर्मियों द्वारा ठीक कार्यालय भवन के मुख्य द्वार के सामने रुकवाया गया और इसी बीच पुलिस की मौजूदगी में मुख्य गेट पर लगा हमारा ताला तोड़ दिया गया।

उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में मुख्य गेट का ताला तोड़ने वाले व्यक्ति, ताला तोड़कर जबरन कार्यालय में दाखिल होने, गाली गलौच करने और जान से मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।

पूर्व विधायक की तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध बीएनएस की धारा 329(4), 351(2), 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई मनोज सिंह नयाल के सुपुर्द की है।

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