उत्तराखंड का बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मामले में सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सीबीआई पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और हरक सिंह रावत के घर के बाद अब खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के ऑफिस पहुंची है। सीबीआई ने तीनों को स्टिंग मामले में नोटिस दिया है। आइए जानते है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में वर्ष 2016 में हुए बहुचर्चित स्टिंग मामले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत दो मौजूदा विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को नोटिस जारी किया था। गुरुवार को सीबीआई के अधिकारी नोटिस देने हरीश रावत के घर पहुंचे थे लेकिन वह घर पर नहीं मिले। वहीं हरक सिंह रावत ने सीबीआई का नोटिस खुद रिसीव किया है। जिसके बाद शुक्रवार को खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को सीबीआई ने नोटिस दे दिया है।
बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम ने उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर पहुंचकर नोटिस दिया।विधायक ने नोटिस खुद रिसीव किया है। सीबीआई ने विधायक को चार जुलाई को वायस सैंपल के लिए कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। बता दें कि ये नोटिस वर्ष 2016 में हुए स्टिंग के लिए दिया गया है। उमेश कुमार हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया।
इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी थी।