देहरादून (महानाद) : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन से उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लि. एवं पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लि. द्वारा पूर्ण की गई कुल 13 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में 13 यूपीसीएल तथा 02 पिडकुल की शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज महत्वपूर्ण परियोजनाएं जनता को समर्पित हुई हैं। उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। देवभूमि उत्तराखण्ड गंगा एवं यमुना का उद्गम स्थल है। राज्य में जल विद्युत की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में तेजी से कार्य करने की जरूरत है। राज्य के राजस्व स्रोतों में ऊर्जा का स्रोत महत्वपूर्ण है। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं पर तेजी से कार्य हो, इसके लिए सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। ऊर्जा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से काम करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए ऊर्जा का क्षेत्र महत्वपूर्ण है। विद्युत की रोस्टिंग कम से कम किये जाने के प्रयास किये जाएं। जो रोस्टिंग की जा रही है, उसका समय निर्धारित हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत मीटरों, बिजली के बिलों की शिकायतों पर सख्त कारवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति आई है। राज्य में जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मंत्र पर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने से मन में संतुष्टि का भाव तभी आयेगा, जब कार्य पूर्ण मनोयोग से किया जाए।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक संभावनाएं हैं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में पर्वतीय राज्य के दृष्टिगत योजनाएं बननी जरूरी हैं।
रविवार को लोकार्पित की गई परियोजनाएं –
1. 2X3 MVA, 33/11 के.वी. उपसंस्थान सोनप्रयाग एवं 33 के. वी. गुप्तकाशी सोनप्रयाग लाईन – श्री केदारनाथ जी की विद्युत आपूर्ति के सुदृढ़ीकरण हेतु ।
2. 33 के. वी. सिमली – नन्दप्रयाग लाईन, श्री बद्रीनाथ जी की विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु ।
3. 2X8 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, ऋषिकेश, देहरादून।
4.2X10 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, कनखल, हरिद्वार।
5.2X10 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, पनियाला, रुड़की ।
6. 2X5 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, अल्मोड़ा ।
7.2X10 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, रूद्रपुर ।
8. 2X10 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, किच्छा, उधमसिंहनगर ।
9. 2X10 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, काठगोदाम, हल्द्वानी।
10.2X3 MVA, 33/11 के.वी. उपसंस्थान, आराकोट, उत्तरकाशी।
11. 2X5 MVA, 33/11 के.वी. उपसंस्थान, असकोट, पिथौरागढ़।
12.220 KV, व्यासी देहरादून डबल सर्किट लाईन ।
13. 2X50MVA, 220/33 के.वी., उपसंस्थान, जाफरपुर, उधम सिंह नगर ।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल अनिल कुमार, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, अपर सचिव अहमद इकबाल, अपर सचिव रंजना राजगुरू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।