धामी सरकार में विभिन्न प्राधिकरणों, निगमों व आयोगों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के रूप में सौंपे जाने वाले मंत्री पद के समक्ष दायित्वों को लेकर कसरत शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि सीएम धामी जल्द ही दायित्वों की घोषणा कर सकते है। शासन ने सभी विभागों को तीन दिन का समय दिया है। विभागों को खाली पदों के बारे में तीन दिन के भीतर ब्योरा देने को कहा गया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अभी तक दायित्वों का वितरण नहीं हो पाया है। ऐसे में दायित्व की आस लगाए बैठे भाजपा नेताओं का इंतजार भी बढ़ गया है। प्रदेश भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के बाद नई प्रांतीय कार्यकारिणी के गठन के उपरांत दायित्व वितरण की दिशा में कदम बढ़ाने की बात कही गई थी। अब मंत्रिपरिषद विभाग ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व प्रभारी सचिवों को पत्र जारी कर विभागों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार पद की वर्तमान स्थिति और खाली पदों की सूचना मांगी है। साथ ही यह भी पूछा है कि कौन सा पद कब खाली होगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस भी दायित्व के बंटवारे को लेकर सरकार को घेर चुकी है। कांग्रेस का आरोप था कि उत्तराखंड भाजपा में दायित्व के नाम पर कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने को लेकर सरकार खासी सुस्त दिखाई दे रही है। मौजूदा भाजपा सरकार ही नहीं बल्कि 2017 के बाद सत्ता में आयी त्रिवेंद्र सरकार ने भी कार्यकर्ताओं को लंबा इंतजार करवाया था। खास बात यह है कि इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं को जल्द ही दायित्वों के बंटवारे को लेकर उम्मीद थी, लेकिन यह उम्मीद पूरी होती हुई नहीं दिखाई दे रही है।