देहरादून (महानाद) : एनएच-74 (राष्ट्रीय राजमार्ग-74) घोटाला मामले में आज सीबीआई की 12 लोगों की एक टीम ने एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के बड़े अधिकारी के दो घरों व दफ्तर में छापे मारे। बताया गया कि सीबीआई ने यहां से भारी संख्या में दस्तावेज बरामद किए हैं। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई एनएच घोटाले की प्रारंभिक जांच के तहत की गई है। मामले में सीबीआई ने अभी किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
बता दें कि सीबीआई दिल्ली तथा देहरादून की एक संयुक्त टीम आज बृहस्पतिवार को दोपहर में ईसी रोड स्थित एक आवासीय अपार्टमेंट में पहुंची। सीबीआई की टीम को देखकर मौके पर हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम यहां एक अधिकारी के फ्लैट में पहुंची और बाहर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। यह फ्लैट एनएचएआई के अधिकारी के नाम पर ही बताया जा रहा है। इसके अलावा सीबीआई ने एनएचएआई के दफ्तर में भी छापा मारा। सीबीआई की टीम में कुल 12 लोग बताए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि सन 2017 में सामने आए एनएच-74 घोटाले में इस अधिकारी की भी भूमिका थी। उन्हीं की देखरेख में एनएच-74 का चौड़ीकरण का काम चल रहा था। उस वक्त मुआवजे को लेकर हुई गड़बड़ी में तो उत्तराखंड पुलिस ने बड़ी कार्रवाईयां की थीं लेकिन केंद्र के अधिकारी होने के नाते एनएचएआई के अधिकारियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजमार्ग मंत्रालय के आदेश पर सीबीआई प्राथमिक जांच कर रही है। इसी के तहत यह कार्रवाई की जा रही है। देर रात तक सीबीआई देहरादून के इन तीनों ठिकानों पर कार्रवाई कर रही थी। सीबीआई ने एनएचएआई के इस अधिकारी के घर से बड़ी मात्रा में दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
आपको बता दें कि हरिद्वार से सितारगंज तक 252 किमी दूरी के एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए वर्ष 2012-13 में प्रक्रिया शुरू की गई थी। सन 2013 में एनएचएआइ की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन जिस स्थिति में है, उसी आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। नोटिफिकेशन में बाकायदा चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन का खसरा नंबर का भी जिक्र था।
कुछ ऐसे किसान थे, जिन्होंने अफसरों, कर्मचारियों व दलालों से मिलीभगत कर बैकडेट में कृषि भूमि को अकृषि भूमि दर्शाकर करोड़ों रुपये मुआवजा ले लिया। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। मामले की कई बार शिकायत की गई तो 1 मार्च 2017 को तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर सेंथिल पांडियन ने रुद्रपुर कलक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक आयोजित कर एनएच-74 निर्माण कार्यों में प्रथमदृष्टया धांधली की आशंका जताई। इस आधार पर उन्होंने ऊधम सिंह नगर के तत्कालीन डीएम को जांच करने के निर्देश दिए थे। इस पर तत्कालीन एडीएम प्रताप शाह ने 11 मार्च 2017 को सिडकुल चौकी में एनएच घोटाले का मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले में पुलिस जांच में कई अधिकारियों के नाम सामने आए थे। जिन पर शासन ने कार्रवाई भी की थी।