14 अक्टूबर को मनाया जायेगा कृमि मुक्ति दिवस

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विकास अग्रवाल
रुद्रपुर (महानाद) : जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने 14 अक्टूबर को आयोजित होने वाले कृमि मुक्ति दिवस के सम्बन्ध में चल रही तैयारियों की जिला कार्यालय सभागार में समीक्षा बैठक की।

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने निर्देशित करते हुए कहा कि सरकारी, सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों, मदरसों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि एक भी बच्चा दवाई खाने से वंचित न रहे और यह भी सुनिश्चित किया जाये कि विभिन्न मेडिकल कारणों वाले बच्चों को दवाई न खिलाई जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि महाविद्यालयों, तकनीकि शिक्षण संस्थानों के साथ ही पैरामेडिकल कॉलेजों में भी 19 वर्ष तक की आयु वर्ग विद्यार्थियों को चिन्हित करते हुए दवाई खिलाई जाये।

उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूल न जाने वाले सभी बालक, बालिकाओं, श्रमिक के बच्चों एवं घुमन्तू बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजॉल खिलाई जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कृमि मुक्ति दिवस पर दवाई खाने से वंचित बच्चों को 17 अक्टूबर को मॉप-अप दिवस पर दवाई खिलाई जाये।

डीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी स्कूलों, कॉलेजों, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवाई समय से पहुंच जाये। उन्होंने सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, मदरसों तक मानक संचालन प्रक्रिया उपलब्ध कराने के निर्देश चिकित्सा विभाग को दिये। उन्होंने विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक कराने, सभी विद्यालयों, मदरसों, आंगनबाड़ी केन्द्रों के नोडल अधिकारियों को दवाई खिलाने के तरीके एवं मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये।

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनीता रतूड़ी चुफाल ने बताया कि जनपद में 01 से लेकर 19 वर्ष तक के 6,61,287 बच्चों को दवाई खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जनपदस्तरीय इमर्जेन्सी रेस्पोंस टीम में डिस्ट्रिक्ट नोडल ऑफिसर डॉ. हरेन्द्र मलिक तथा एसीएमओ डॉ. तपन शर्मा को रखा गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 8 ब्लॉकस्तरीय इमर्जेन्सी रेस्पोन्स टीमें भी बनाई गई हैं।

सीएमओ ने बताया कि 1 से 2 साल तक बच्चों को आधी टेबलेट तथा 03 साल तक के बच्चों को पूरी टेबलेट पानी में घोलकर पिलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि 3 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को दवाई सामान्य रूप से खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि 01 से 19 साल के सभी बच्चों (लड़कों एवं लड़कियों) को आन्त के कृमि संक्रमण का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि कृमि मनुष्य की आन्त में रहकर, मानव शरीर ऊतकों से जरूरी पोषक तत्वों को खाते हैं, जिससे बच्चों में कुपोषण एवं खून की कमी होने लगती है तथा बच्चों की कार्य क्षमता घटने लगती है। उन्होंने बताया कि तीव्र संक्रमण के कारण बच्चे थके हुए एवं अकसर बीमार रहने लगते हैं।

बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एके सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह सहित मौ. आमिर खां, पूरनमल, मोनू शर्मा, आकांक्षा आदि उपस्थित थे।