विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में धर्मयात्रा महासंघ ने महाराणा प्रताप चौक पर बांग्लादेश सरकार का पुतला फूंक कर अपने रोष का इजहार किया। इसके बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में धर्मयात्रा महांसघ ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं के उत्पीड़न, उनकी निर्मम हत्याओं, बहू-बेटियों के साथ अमानवीय व्यवहार, हिन्दुओं के मकानों में तोड़फोड़ और आगजनी, भारतीय उत्पादों का बहष्किार, हिन्दू धर्मगुरुओं के साथ मारपीट, इस्कॉन समर्थकों के साथ किये जा रहे कष्टदायक व्यवहार, इस्कॉन धर्मगुरू सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास व अन्य कई संतों को अकारण जेल में डालना आदि अनेकों ऐसी घटनायें हैं जिन्हें पढ़-सुनकर दिल दहल जाता है व रूह कांपने लगती है। बांग्लादेशी हिन्दुओं और वहां निवास करने वाले अन्य अल्पसंख्यकों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं उसकी सम्पूर्ण विश्व में सभी धर्माे के लोग घोर निन्दा कर रहे हैं।
ज्ञापन में कहा कि धर्मयात्रा महासंघ महानगर काशीपुर व क्षेत्र में निवास करने वाले हजारों सनातन धर्मरक्षक, बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचारों व अमानवीय कुकृत्यों की कड़े शब्दों में घोर निन्दा करते हैं। हम सभी का निश्चित मत है कि जो मानवता विरोधी घटनायें बांग्लादेश में घटित हो रही हैं उन सबके पीछे वहां की हिन्दू विरोधी यूनुस सरकार का हाथ है। वहां के आतंकवादियों को वहां की सरकार का खुला समर्थन प्राप्त है। बांग्लादेशी अन्तरिम सरकार इन दुर्दान्त घटनाओं को रोकने के बजाय अपना समर्थन दे रही है। बांग्लादेशी सनातनी व अन्य अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से किये जा रहे अत्याचार चिंता का विषय बनते जा रहे हैं और रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बांग्लादेश की यूनुस सरकार का मूक बना रहना विश्व शांति एवं भाई चारे के प्रति भारी चिंता का विषय बनता जा रहा है। जिसे शीघ्रातिशीघ्र रोका जाना विश्व शांति के मार्ग में अत्यंत आवश्यक है।
संघ ने कहा कि हमारा पूर्ण विश्वास है कि जब तक अपनी भारत सरकार बांग्लादेश सरकार के प्रति कठोर कदम उठाते हुए यह दवाब नहीं बनायेगी कि यूनुस सरकार बांग्लादेशी इस्लामिक कट्टरपंथियों को इन सभी दर्दनाक इंसानियत विरोधी घटनाओं को तुरन्त रोकने के लिये नहीं कहेगी, यह घटनायें बढ़ती ही जायेंगी। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से आग्रह किया गया कि इस्कॉन धर्म गुरु कृष्ण प्रभुदास व अन्य को बिना शर्त तुरन्त रिहा कराया जाये।
उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश सरकार से कड़े शब्दों में कहा जाये कि बांग्लादेश में रहने वाले सनातनी भाइयों व अन्य अल्पसंख्यकों की हर प्रकार से सुरक्षा के उचित प्रबन्ध सुनिश्चित करे। बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगे। हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार तुरन्त बन्द हों। बांग्लादेशी हिन्दू भाइयों के तोड़े गये मन्दिरों, मकान, दुकान का पुनर्निमाण बांग्लादेश सरकार अपने खर्च पर कराये। वहां रहने वाले जिन हिन्दू भाइयों को पिछले दिनों हिन्दू विरोधी आन्दोलन में अपनी जान गंवानी पड़ी है या घायल हुए हैं, उनके परिवारजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाये। बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी प्रचार पर तुरन्त रोक लगे। जिहादियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही हो। बांग्लादेश को किसी भी प्रकार की सहायता देना तुरन्त बन्द की जाये।
पुतला फूंकन व ज्ञापन देने वालों में धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री कृष्ण कुमार अग्रवाल एड., सुभाष चन्द्र शर्मा, संतोष पंवार, केवल कृष्ण छाबड़ा, राजकुमार सेठी, क्षितिज, सतनाम वर्मा, महीपाल सिंह, वीरेंद्र कुमार चौहान एडवोकेट, अक्षय नायक एडवोकेट, विपिन अग्रवाल एडवाकेट, भावना, पुष्पा जोशी, कैलाश प्रजापति एडवोकेट, तरुण वर्मा, वेदप्रकाश विद्यार्थी, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, महेश चंद्र जोशी, ओमप्रकाश सिंह, राजपाल, धर्मेंद्र सिन्हा, सोनी चौहान, डॉ. महेश अग्निहोत्री, प्रियंका अग्रवाल, हंसिका पाल, वानी अरोरा, इंद्र देव अग्रवाल, राजन कुमार, दिनेश राणा, भाष्करानंद जोशी, मदन मोहन गोले, प्रेमशंकर सिंह, तेज प्रकाश सैनी, मुन्ना यादव, असित अग्रवाल, वीर्य सिंह, विजय अरोरा, अशोक कुमार सैनी, चंद्रभान सिंह, बंटी अग्रवाल, विवेक प्रजापति, सुखविंदर सिंह, राजीव अरोरा बच्चू, मुकेश जोशी, विष्णु शर्मा, आयुष अग्रवाल, संजीव चौधरी, हिमांशु राजपूत सहित भारी संख्या में सनातनी मौजूद थे।