नई दिल्ली (महानाद) : 1988 बैच के आईएएस अधिकारी और मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है। उन्होंने आज अपना पदभार संभाल लिया है। वे इस पद पर 26 जनवरी 2029 तक रहेंगे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सोमवार को आयोजित बैठक में ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। वहीं हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त बनाया गया। दूसरे चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
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वहीं, नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नियुक्ति का विरोध करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। इस बैठक को स्थगित कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए था। आधी रात को नियुक्ति का फैसला असम्मानजक है।
बता दें कि 2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय कॉन्स्टीट्यूशन बेंच ने फैसला सुनाया था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई शामिल होंगे। इससे पहले सिर्फ केंद्र सरकार इनका चयन करती थी।
यह कमेटी मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त के नामों की सिफारिश राष्ट्रपति से करेगी। इसके बाद राष्ट्रपति उस पर मुहर लगाएंगे। तब जाकर उनकी नियुक्ति हो पाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह प्रक्रिया तब तक लागू रहेगी, जब तक संसद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर कोई कानून नहीं बना लेती।
21 दिसंबर 2023 को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा नया बिल पास केंद्र सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सेवा, शर्तें और कार्यकाल से जुड़ा नया बिल लेकर आई। इसके तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यों का पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। सीजेआई को इस पैनल से बाहर रखा गया। 21 दिसंबर, 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान यह बिल दोनों सदनों में पास हो गया।
नए कानून पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश के खिलाफ बिल लाकर उसे कमजोर कर रही है। इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया कि कानून की धारा 7 और 8 स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत का उल्लंघन करती है क्योंकि इससे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए इंडिपेंडेंट मैकेनिज्म नहीं मिलता है। इस विवाद के बीच केंद्र ने मार्च, 2024 में ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त किया था।