कुंडेश्वरी में शुगर की नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, एक गिरफ्तार

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : ड्रग इंस्पेक्टर / जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी उधम सिंह नगर डॉ. आलोक कुमार शुक्ला ने जीएसटी अधिकारी, प्रशासन व पुलिस बल के साथ कुंडेश्वरी में छापा मारकर एक नकली दवाई बनाने का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने वहां से एक व्यक्ति को नकली दवाई और नकली दवाई बनाने में काम आने वाले सामान के साथ गिरफ्तार किया है जबकि उसके 2 साथी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

आपो बता दें कि कल दिनांक 01-03-2024 को ड्रग इस्पेक्टर / जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी उधम सिंह नगर डॉ. आलोक कुमार शुक्ला ने जीएसटी काशीपुर की असिस्टेन्ट कमिश्नर पूजा पांडे, नायब तहसीलदार भीम सिंह, उप सहायक रुद्रपुर दिनेश कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक मुकेश कुमार, फूल सिंह, निर्मला मनोला के साथ कुंडेश्वरी चौकी पहुंचे और उन्हें बताया कि पिछले कुछ समय से काशीपुर क्षेत्रान्तर्गत एक व्यक्ति द्वारा शुगर की आयुर्वेदिक दवाई मधु निवारक चूर्ण नाम से राज्य के भीतर व बाहर लगातार लोगों को बेची जा रही है। उक्त दवाईयों को लम्बे समय तक खाने वाले व्यक्तियों को किडनी सम्बन्धी समस्या आने की गोपनीय शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

डॉ. शुकला ने बताया कि उनके द्वारा आयुर्वेदिक दवाईयों को बनाने व बेचने वालों के सम्बन्ध में गोपनीय जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त दवाईयां कुंडेश्वरी क्षेत्रांतर्गत एक व्यक्ति द्वारा एक घर में अवैध रूप से बनाकर ऑनलाइन पार्सल व ऑफलाइन माध्यम से बेची जा रही है। जिसके बाद एसआई विनोद जोशी, सन्तोष कुमार देवरानी, कां. मुकेश कुमार, कुलदीप व गजेन्द्र सिंह के साथ रेखा पत्नी विजेंद्र सागर के मकान पर पहुंचे तो देखा कि बाहर बरामदे में एक रैपर बरामद हुआ जिसमें हिन्दी में मधु निवारक चूर्ण लिखा था तथा कई सारे प्लास्टिक के कट्टे में चूर्णनुमा पदार्थ भरा हुआ था। मौके पर एक व्यक्ति विक्रान्त सिंह (28 वर्ष) पुत्र महिपाल सिंह मौजूद था। जब उससे उक्त प्लास्टिक के 3 कट्टों में रखे हुये चूर्णाे तथा मौके पर मौजूद रैपर के बारे पूछताछ की गयी तो कोई भी सन्तोषजनक उत्तर नही दे पाया।

टीम द्वारा कमरे मे लगे ताले को खुलवाया गया तो कमरे के अन्दर काफी सारे प्लास्टिक के टब, एक टब मे चूर्ण तथा काफी सारे प्लास्टिक के रैफर लगे डिब्बे व काफी सारे सफेद रंग के प्लास्टिक के डिब्बे बिना रैपर माल भरे और सील शुदा, प्लास्टिक की छोटी चम्मचे एक पेटी मे, मिक्सर ग्राइन्डर, प्रेस रखे पाये गये।

उनके बारे में पूछताछ करने पर विक्रान्त सिंह ने बताया कि यह मकान मेरे रिश्तेदार प्रशान्त सागर पुत्र विजेन्द्र सागर का है और पिछले दो साल से मैं और मेरे साथी प्रशान्त सागर व सतेन्द्र चौधरी पुत्र ओम प्रकाश निवासी मोदीनगर, मेरठ हाल निवासी वैशाली कालोनी, थाना आईटीआई काशीपुर आपस में पार्टनर है और मैं रुद्रपुर से कच्चा माल लेकर आता हंू और कच्चे माल को मिक्सर ग्राइन्डर में पीस कर सतेन्द्र चौधरी उसमें पिल 500 एमजी नाम की अंग्रेजी की दवाई मिलाता है। इन अंग्रेजी दवाईयों को वे गुरूनानक मेडिकल स्टोर जाफरपुर, रुद्रपुर से लेकर आते हैं।

उसने बताया कि उनका तीसरा पार्टनर प्रशान्त पैक्ड माल की मार्केटिंग व सेलिंग की कार्यवाही करता है। उसने बताया कि उन्होंने उक्त दवाई को बेचने के लिए एक दुकान वैशाली कालोनी में भी खोली गयी थी, जिसे बाद में बन्द कर दिया था क्योंकि कुछ ही समय में शुगर की दवाई की अच्छी खासी मार्केटिंग बन गयी थी और लगभग प्रतिदिन 100-150 डिब्बे हम लोग ऑनलाइन व ऑफलाइन बेच देते हैं। एक डिब्बे को तैयार करने में औसतन 300 रुपये का खर्चा आता है और माल को हम लोग 1600-1800 रुपये तक में बेचते हैं और उससे हुई कमाई को तीनों आपस में बांट लेते हैं।

जांच के दौरान डिब्बे पर लिखा जीएसटीएन नं. सस्पेंड पाया गया। मौके पर रैपर शुदा सील माल के 38 डिब्बों की एक पेटी, सफेद रंग के डिब्बे सील शुदा बिना रैपर लगी दस खाकी रंग की पेटियां पायी गयी जिसमें से सात पेटियो में 96-96 डिब्बे व तीन पेटियों में 45-45 डिब्बे कुल 618 डिब्बे बिना रैपर लगे, डिब्बा सील करने के लिए दो प्रेस, 4 मिक्सर ग्राइंडर व अन्य सामान पाया गया। विक्रान्त उपरोक्त उक्त परिसर मे आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने, पेकिंग करने व बेचने सम्बन्धी तथा जीएसटी दस्तावेज व एलोपैथिक दवाईयों को स्टॉक में रखने सम्बन्धी कोई दस्तावेज, डिग्री अथवा डिप्लोमा प्रस्तुत नहीं कर पाया।

जिसके बाद पुलिस ने विक्रांत सिंह पुत्र महिपाल सिंह निवासी कुंडेश्वरी, प्रशांत सागर पुत्र विजेन्द्र सागर निवासी कुंडेश्वरी तथा सतेन्द चौधरी पुत्र ओमप्रकाश निवासी मोदी नगर, मेरठ के खिलाफ धारा 274, 275, 276, 34, 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर विक्रांत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उसके दो साथियों की तलाश की जा रही है। मामले की जांच एसआई जय प्रकाश के हवाले की गई है।

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