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नई दिल्ली (महानाद) : दिल्ली प्रवास में उत्तराखंड के प्रवासियों की प्रतिष्ठित संस्था ‘गढ़वाल हितैषिणी सभा’ द्वारा शनिवार 12 मार्च, 2022 को सभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, अजय सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आमन्त्रित विशिष्ट, वरिष्ठ व सभा पदाधिकारियों के कर कमलों द्वारा गढ़वाल भवन, नई दिल्ली के खचाखच भरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलित तथा शताब्दी वर्ष (1923-2023) के ‘शुभंकर’ का लोकार्पण, भव्यता, हर्षाेल्लास व देर तक बजती तालियों की गड़गड़ाहट के मध्य किया गया। इस अवसर पर, होली मिलन व गढ़वाली बोली-भाषा मे, हास्य कवि सम्मेलन का प्रभावशाली आयोजन भी किया गया।
गढ़वाल हितैषिणी सभा के अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट व सचिव दीपक द्विवेदी द्वारा अपने सम्बोधन मे, सभी प्रबुद्ध जनों का स्वागत किया गया। सभा के सौ वर्ष शुभारंभ की बेला पर उन पूर्वजों व नीति निर्माताआंे को याद किया गया जिन्होंने अपार लगन, मेहनत व निष्ठा से उत्तराखंड के प्रवासियों के सामाजिक मेल-मिलाप के साथ-साथ, सांस्कृतिक उत्थान तथा अंचल की लोककला, लोकसंस्कृति व बोली-भाषा के संरक्षण व संवर्धन के लिए वर्ष 1923 मंे ‘गढ़वाल हितैषिणी सभा’ की स्थापना लाहौर में कर प्रवासियों के भावी हित में एक नेक व दूरदर्शी कार्य किया गया था। जिस सोच व कार्य के प्रतिफल दिल्ली प्रवास में गढ़वाल हितैषिणी सभा न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश के अन्य प्रवासी समाजों व संस्थाओं के मध्य रचनात्मक कार्याे के क्षेत्र में एक मुख्य प्रतिनिधि संस्था के रूप में विगत दस दशकों से नामचीन संस्थाओं में शुमार रही है।
सभा अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट द्वारा अवगत कराया गया कि वर्षभर सभा के जन सरोकारों से जुडे कार्यक्रम न सिर्फ दिल्ली महानगर में उत्तराखंड के गांव देहात में भी आयोजित किए जाते रहे हैं। चाहे वह कार्यक्रम नौनिहालों की शिक्षा से जुड़ा हुआ रहा हो या जन की स्वास्थ सुविधाओं से या प्राकृतिक आपदा के समय राहत कार्याे से ही क्यों न हो।
अवगत करया गया कि गढ़वाल भवन जिसका संचालन गढ़वाल हितैषिणी सभा पदाधिकारियों द्वारा किया जाता रहा है, उत्तराखंड की प्रवासी संस्थाओं के लिए सदैव बहुत मददगार रही है। विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक व शैक्षिक आयोजनों हेतु गढ़वाल भवन का किराया मामूली दर पर रखा गया है, जिस निर्णय के बल पर उत्तराखंड की संस्थाओं को बड़ी राहत व मदद मिलती रही है। सभा अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट द्वारा व्यक्त किया गया कि सभा द्वारा शताब्दी वर्ष समाज के सभी प्रबुद्ध जनों के सहयोग से अति उत्साह और हर्षाेल्लास के साथ मनाने की योजना है। सभी के रचनात्मक सहयोग व योगदान की आकांक्षा रहेगी।
आयोजित समारोह के इस अवसर पर जीतराम भट्ट सचिव हिंदी, कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी अकादमी दिल्ली सरकार, ललित मोहन नेगी एसीपी स्पेशल ब्रांच, दिल्ली पुलिस, वीर सिंह पवार चेयरमैन पूर्वी दिल्ली नगर निगम, संजय दरमोडा अधिवक्ता सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा व्यक्त किया गया कि संगठन मे बहुत शक्ति होती है। चाहे वह सामाजिक हो, साहित्यिक या सांस्कृतिक हो या कलात्मक, शताब्दी वर्ष का आयोजन प्रवासी उत्तराखंड के सभी विधाओं से जुडे, प्रबुद्ध जनों को एकजुट कर भव्य रूप में आयोजित किया जाए। सभी का सहयोग मिलेगा। जागरूक समाज के लोगों द्वारा आयोजित आयोजन का प्रभाव जमने से निश्चय ही राजनैतिक शक्ति मिलेगी। राजनैतिक शक्ति मिलने से बोली-भाषा के मुद्दे के साथ-साथ, अनेको अन्य मुद्दे स्वतः ही सिद्ध हो जायेंगे। उत्तराखंड समाज का संवर्धन होगा।
इस अवसर पर आयोजित गढ़वाली हास्य कवि सम्मेलन में उत्तराखंड के जानेमाने कवि ललित केसवान, रमेश चन्द्र घिल्डियाल, जयपाल रावत, मदन ढुकलान, कुंज बिहारी मुंडपी, पृथ्वीसिंह केदारखंडी, दिनेश ध्यानी, बृजमोहन शर्मा, मीनाक्षी खन्तवाल, विरेंद्र जयाल ‘उपरी’, तथा डॉ. कुसुम भट्ट का आयोजकों द्वारा सु-सज्जित हास्य कवि सम्मेलन मंच पर आमन्त्रित कर शाल ओढ़ा कर सम्मान किया गया। मंचासीन कवियों द्वारा वर्तमान राजनीति पर कटाक्ष, उत्तराखंड के लोगों के अभाव व पलायन से जुड़े मुद्दों को तथा होली के हास्य हुड़दंग में-
आवा रंग जा फागुण का रंग मां…. होल्यारो की टोली ऐग्ये… लुकी छिपी डाली रंग… होल्यारो की धमाधम… ढोल बाजी धमाधम….म्यार प्यारा गढ़वाल का रंग मा…. जैसे, हास्य व उमंग से भरे पुट, कविताओं मे पिरो तथा उनका हंसी से लोटपोट कर देने वाला प्रभावशाली वाचन कर, सभागार में बैठे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर आयोजन को सफल बनाया।
आयोजित समारोह का मंच संचालन आजाद नेगी, मनोरमा भट्ट तथा विरेंद्र जयाल ‘उपरी’ द्वारा बखूबी किया गया।