खुशखबरी : अब बिना जीएसटी नं. वाले व्यापारी भी बेच पायेंगे ऑनलाईन साईट पर सामान

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नई दिल्ली (महानाद): अब ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स (ई-कॉमर्स साइट्स) पर सस्ता सामान मिलने का एक नया रास्ता खुल गया है। शनिवार को जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छोटे व्यापारियों की 2 साल पुरानी एक मांग को मंजूरी दे दी गई।

आपको बता दें कि माल एवं सेवाकर से जुड़े मामलों पर आखिरी फैसला जीएसटी परिषद लेती है। केंद्रीय वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष तथा सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं। देश में ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन को देखते हुए छोटे व्यापारी लंबे समय से जीएसटी में गैर-पंजीकृत व्यापारियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिजनेस करने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी.।शनिवार को हुई बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगा दी गई है। इसके लिए जीएसटी कानून और नियमों में अनुकूल संशोधनों से जुड़े नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किए जाएंगे। इस पूरी व्यवस्था को अगले साल 1 अक्टूबर तक लागू किया जा सकता है.

छोटे व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन (सीएआईटी) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जीएसटी परिषद के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सशक्त बनाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को मजबूत करने में अपना अहम योगदान देगा।

उन्होंने कहा कि देश में लगभग 8 करोड़ छोटे व्यापारी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों को चलाते हैं। इसकी एक वजह उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम होना है। ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे जो उनके लिए बड़ी राहत की बात होगी।

बता दें कि मौजूदा समय में भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है। ई-कॉमर्स व्यवसाय अब देश के कुल रिटेल सेक्टर का लगभग 10 प्रतिशत है। जबकि वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स में ये 25-50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखता है। ऐसे में जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से इस सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी जिसका फायदा उपभोक्ता को होगा और उसे सस्ता सामान मिलेगा।