जुलाई माह का राशिफल : पं. गोविन्दराम की कलम से

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद): जुलाई माह का राशिफल

मेष (चू, चे, चौ, ला, ली, लू, ले, लो, अ): इस मास राशि स्वामी मंगल इसी राशि में स्वराशिगत होने से पुरुषार्थ एवं पराक्रम में वृद्धि होगी। ता. 12 से शनि की नीच दृष्टि भी हट जाने से मानसिक शान्ति एवं घरेलु वातावरण भी सुखद होगा। परंतु राहू भी इस राशि पर होने से प्रत्येक कार्य में कुछ रुकावट होगी।
उपाय – गले में चांदी की चेन पहनें, गोमेद रत्न धारण करें, शुभ रहेगा।

वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो): ता. 12 तक शुक्र लग्न भाव में होने से बिगड़े हुए कार्यों में सुधार, पराक्रम में वृद्धि, आमोद-प्रामेद में अधिक समय व्यतीत होगा। सूर्य-शनि मध्य समसप्तक योग होने से क्रोध -उत्तेजना से बचना चाहिए। ता. 13 से द्वितीय भाव में होने से किसी बिगड़ कार्य में सुधार होगा। भाई-बन्धु का सहयोग मिलेगा।
उपाय – 4 शुक्रवार को मिश्री का दान करें, शुभ रहेगा।

मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह): ता. 16 तक बुध-मिथुन (स्व) राशि में संचार करने से अकस्मात धन लाभ। मान-सम्मान में वृद्धि तथा बिगड़े कार्यों में सुधार होने के योग हैं। ता. 16 से बुध द्वितीय भावस्थ होने से घरेलू समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बनते कार्यों में विघ्न, स्वास्थ्य भी कुछ ढीला रहेगा।
उपाय – बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें और पन्ना रत्न धारण करें, शुभ रहेगा।

कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो): मासारंभ से ही मंगल की नीच दृष्टि तथा ता. 16 से सूर्य का संचार होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, पेट विकार, ब्लड प्रेशर, रक्त संबंधी रोग तथा निकट बंधुओं से मनमुटाव व विरोध बढ़ेंगे।
उपाय – महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जाप करवायें, शुभ रहेगा।

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे): ता. 12 तक शनि की इस राशि पर दृष्टि होने से घरेलु परेशानियों के कारण मन व्यथित रहेगा। व्यवसाय की स्थिति मध्यम रहेगी। बनते कार्यों में विघ्न उत्पन्न होंगे। ता. 16 से सूर्य द्वादस्थरहने से आलस्य व निराशा में वृद्धि होगी। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। शरीर कष्ट का भय है।
उपाय – ग्रहों की शांति करवायें, शुभ रहेगा।

कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो): ता. 2 से 16 तक बुध दशमस्थ रहने से दैनिक कार्यों में प्रगति होगी। भूमि-वाहनादि के क्रय-विक्रय की योजना बनेगी। परिवर्तनों का सामना रहेगा। यद्यपि धन लाभ एवं उन्नति के अवसर प्राप्त होते रहेंगे।
उपाय – गणेश अथर्व शीर्ष का 21 दिनों तक पाठ करें, शुभ रहेगा।

तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते): ता. 12 तक सूर्य अष्टमस्थ रहने से मानसिक तनाव व स्वास्थ्य हानि के योग हैं। ता. 13 से शुक्र भाग्य स्थान में है। परंतु शनि की ढैया शुरु होने से संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के मध्य निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
उपाय – काली चीजों का दान करें, हर शनिवार हनमान चालिसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू): ता. 11 तक शनि की दृष्टि रहने से मानसिक चिंतायें, द्वंद परंतु मंल की स्वगृही तथा गुरु की दृष्टि रहने से भूमि-जायदाद संबंधी कार्यों से लाभ। उच्चाधिकारियों से मेल जोल एवं संपक्र बढ़ेंगे। निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
उपाय – 21 दिनों तक नित्य राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा): व्यवसायिक क्षेत्रों के कार्यों में सफलता मिलेगी। नवीन योजनायें बनेंगी। परिश्रम करने से कार्य सिद्धि होगी। परंतु ता. 12 से पुनः इस राशि पर साढ़े साती का प्रभाव रहने से अधिक व्यय होगा, मानसिक तनाव, परेशानी तथा व्यस्ततायें बढ़ेंगी।
उपाय – शनिवार को अपना तुला दान करें, शुभ रहेगा।

मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी): शनि की चतुर्थस्त मंगल-राहू पर नीच दृष्टि होने से आर्थिक उलझनों के कारण मन परेशान, सोची योजनाओं में विघ्न बाधायें तथा यात्रा में चोटादि का भय रहेगा। ता. 12 से शनि इस स्वराशि पर संचार करने से कठिन परिस्थितियों के बावजूद धन प्राप्ति के साधन बनते रहेंगे।
उपाय – महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जाप करवायें, शुभ रहेगा।

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा): शनि वक्री अवस्था में संचार करने से घरेलु हालात में अनिश्चितता रहेगी। ता. 12 से शनि पुनः द्वादस्थ चले जाने से आय कम व व्यय अधिक रहेगा। अत्यंत कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। बनते कार्यों में विघ्न होंगे। दूरस्थ यात्राएं एवं गुप्त चिंता बनी रहेगी।
उपाय – महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जाप करवायें, शुभ रहेगा।

मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची): पूर्वार्द्ध में निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। ता. 12 से पुनः शनि की तृतीय दृष्टि रहने से चिंताओं में वृद्धि तथा फिजूल का खर्चा बढ़ेगा। गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। किसी प्रतिष्ठित मित्र की सहायता से बिगड़े हुए कार्य बनेंगे।
उपाय – प्रत्येक शनिवार को हनुमान चालिसा का पाठ करें और हनुमान जी को लड्डू का भोग लगायें, शुभ रहेगा।

।। श्री ठाकुर देवाय नमः ।।
पं. गोविन्द राम
ज्योतिषाचार्य
श्री बांके बिहारी मन्दिर
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श्री बांके बिहारी मन्दिर, मौहल्ला रहमखानी, पुरानी सब्जी मण्डी, काशीपुर ;उ.सिं.नगरद्ध
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