देहरादून-ऋषिकेश जाने वाले वाहनों के लिए जरूरी खबर, रूट रहेगा डायवर्ट…

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Kanwar Yatra 2022: उत्तराखंड में 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा हो गई है। कांवड़ियों का हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रदेश पुलिस ने इसे लेकर अपना कांवड़ रूट प्लान भी सुचारू कर दिया है। बड़ी तादाद में पुलिस बल हरिद्वार में तैनात है।  ट्रैफिक पुलिस के अनुसार तीन चरणों में रूट डायवर्जन प्लान लागू होगा। 17 जुलाई से एनएच-58 पर भारी वाहनों का अवागमन बंद हो जाएगा। 20 जुलाई से हाईवे पर सारा ट्रैफिक बंद हो जाएगा। आवश्यक वस्तुओं के वाहनों की आवाजाही जारी रहेगी, उस पर किसी तरह की रोक नहीं होगी।

अलग-अलग जगहों पर पार्किंग

14 जुलाई से लागू होने वाले इस प्लान में पैदल कांवड़ यात्रियों के अलावा रोडवेज बस, भारी वाहन के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई गई है। हरिद्वार में अंदरूनी यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए आटो-विक्रम और ई रिक्शा के लिए भी यातायात प्लान बनाया गया है। दुपहिया, चौपहिया, रोडवेज बस और भारी वाहनों के लिए अलग-अलग जगहों पर पार्किंग बनाई गई है। आइए जानते हैं कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के लिए रूट प्लान क्या हैं:

देहरादून-ऋषिकेश जाने वाले वाहनों के लिए

ट्रैफिक प्लान के अनुसार दिल्ली से देहरादून-ऋषिकेश जाने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों को रामपुर तिराहे से देवबंद से गागलहेड़ी होते हुए छुटमलपुर बिहारीगढ़ से देहरादून और ऋषिकेश के लिए डायवर्ट किया जाएगा। हरिद्वार सीमा में प्रवेश करने वाले दिल्ली से देहरादून, ऋषिकेश जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को बिझौली से भगवानपुर और भगवानपुर से मंडावर, छुटमलपुर, बिहारीगढ़ होते हुए देहरादून और ऋषिकेश की तरफ डायवर्ट किया जाएगा।

रोडवेज बसों के लिए रूट प्लान

देहरादून-ऋषिकेश से आने वाली सभी रोडवेज बसों को नेपाली तिराहा से रायवाला होते हुए मोतीचूर पार्किंग में कराया कराई जाएंगी। नजीबाद-बिजनौर की ओर से आने वाली सभी रोडवेज बसों को चिड़ियापुर से माइल स्टोन से डायवर्ट कर गौरीशंकर-नीलधारा पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाली सभी रोडवेज बसों को ऋषिकुल मैदान, हरिराम आर्य इंटर कॉलेज पार्किंग में पार्क कराई जाएंगी। कांवड़ यात्रा के दौरान रोडवेज की बसों का संचालन भी यहीं से होगा।

यहां खड़ें होंगे वाहन

दिल्ली, मेरठ और मुजफ्फरनगर से हरिद्वार आने वाले वाहन मुजफ्फरनगर नगर से मंगलौर, नगला इमरती से डायवर्ट कर लंढौरा से लक्सर, सुल्तानपुर, फेरूपुर होते हुए जगजीतपुर से एसएम तिराहा से डायवर्जन कर शनि चौक से मातृ सदन से दक्षद्वीप पार्किंग से दाहिने होते हुए शमशान घाट पुल से बैरागी कैंप पार्किंग में पहुंचेंगे। यमुनानगर-सहारनपुर से हरिद्वार आने वाले वाहन एनएच-344 भगवानपुर से सालियर हाईवे, बिझौली से सर्विस लेन होते हुए नगला इमरती से डायवर्ट कर लंढौरा से लक्सर जगजीतपुर होते हुए एसएम तिराहा से डायवर्जन कर शनि चौक से मातृ सदन से दक्षद्वीप पार्किंग से दाहिने होते हुए शमशान घाट पुल से बैरागी कैंप पार्किंग में खड़े होंगे।

मुरादाबाद-नजीबाबाद की ओर जाने वाले वाहन

दिल्ली, मेरठ, हरियाणा, पंजाब की तरफ से जो भी वाहन नजीबाबाद-मुरादाबाद की ओर जाएंगे। उन वाहनों को लक्सर तिराहे से रायसी, बालावाली होते हुए बिजनौर मार्ग से भेजा जाएगा। भगवानपुर से इमलीखेडा, धनौरी की तरफ से आने वाले वाहनों को धनौरी से सलेमपुर होते हुए शिवालिक नगर से बीएचईएल, भगत सिंह चौक से टिबडी फाटक, ब्रहमपुरी तिराहे से हिल बाईपास, दूधाधारी तिराहे से पुराना एआरटीओ चौक से लालजीवाला पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से गंगोत्री, यमुनोत्री को जाने वाले वाहन मेरठ, मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा, देवबंद, गागलहेड़ी, देहरादून, विकासनगर, यमुना ब्रिज, डामटा होते हुए गंगोत्री, यमुनोत्री को जाएंगे।

ट्रैक्टर-ट्राली, बस व अन्य वाहनों के रूट

मुरादाबाद, बिजनौर, नजीबाबाद की ओर से आने वाले ट्रैक्टर-ट्राली, बस व अन्य वाहनों को डायवर्ट कर गौरीशंकर पार्किंग एवं नीलधारा पार्किंग में लाया जाएगा। देहरादून से दिल्ली-मेरठ, मुजफ्फरनगर की ओर जाने वाले वाहन डाटकाली मंदिर टनल से बिहारीगढ, छुटमलपुर होते हुए दिल्ली की ओर जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों से ऋषिकेश के रास्ते दिल्ली, मेरठ व पर्वतीय क्षेत्रों से ऋषिकेश के रास्ते नजीबाबाद, बिजनौर की ओर जाने वाले वाहन नेपाली तिराहा से दूधाधारी चौक से चंडी चौक से बाएं चंडी पुल होते हुए नजीबाबाद की ओर जाएंगे।

ड्रोन से निगरानी

बताया जा रहा है कि कांवड़ मेले में सुरक्षा के मद्देनजर भीड़ वाले क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी की जाएगी। हरिद्वार पुलिस के पास चार ड्रोन हैं, वहीं अन्य जिलों से ड्रोन की मांग की जा रही है। जरूरत पड़ने पर ड्रोन को किराये पर भी लिया जाएगा। इसके साथ कांवड़ मेले के दौरान जिला व हाईवे पर छह कंपनी अर्द्धसैनिक बल की तैनात की गई है। कावंडिए हरिद्वार से जल लेकर अपने-अपने गृह इलाके के स्थानीय मंदिरों में शिव को जलाभिषेक करेंगे। कोविड महामारी के बाद इस बार तकरीबन 4 करोड़ कांवड़ियों के उत्तराखंड आने की उम्मीद जताई जा रही है।